जम्मू। आतंकी खतरे के बीच उन उम्मीदवारों की क्या दशा होगी जिन्हें 1 ही सीट के लिए 3 चरणों में होने वाले मतदान के लिए लंबे प्रचार के दौर से गुजरना पड़ रहा हो। यही नहीं, 4 जिलों में बंटी अनंतनाग संसदीय सीट के लिए उन्हें प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग प्रचार करना पड़ रहा है।
सोमवार को अनंतनाग सीट के लिए दूसरे टुकड़े का मतदान कुलगाम में होने जा रहा है जबकि अंतिम टुकड़े के लिए मतदान 6 मई को होना है जिसमें शोपियां और पुलवामा के वे जिले शामिल हैं, जहां अभी भी आतंकवाद चरमोत्कर्ष पर है।
कुलगाम में 3.45 लाख मतदाता 18 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। 23 अप्रैल को अनंतनाग जिले के मात्र 13 परसेंट लोग ही मतदान के लिए बाहर निकले थे। दक्षिण कश्मीर के 4 जिलों- अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां पर आधारित अनंतनाग-पुलवामा पूरे देश का एकमात्र ऐसा संसदीय क्षेत्र है, जहां 3 चरणों में मतदान कराया जा रहा है।
पहले चरण का मतदान 23 अप्रैल को जिला अनंतनाग में हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान 29 अप्रैल को कुलगाम और तीसरे चरण में 6 मई को जिला पुलवामा व शोपियां में मतदान होगा। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भाजपा प्रत्याशी सोफी के लिए खन्नाबल में चुनावी रैली की।
नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने प्रत्याशी हसनैन मसूदी के लिए देवसर, नूराबाद व अन्य इलाकों में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने काजीगुंड, वतिहाल और वनपोह समेत कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में रोड शो और चुनावी बैठकें कीं। निर्दलीय प्रत्याशियों में डॉ. रिदवाना सनम खूब सक्रिय दिखीं।
चुनावाधिकारी डॉ. खालिद ने कहा कि अब सार्वजिनक स्तर पर चुनाव प्रचार नहीं हो सकता। 4 विधानसभा क्षेत्रों नूराबाद, कुलगाम, होमशालीबुग और देवसर पर आधारित जिला कुलगाम में 3,45,486 मतदाता हैं। पूरे जिले में 463 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी अत्यंत संवेदनशील हैं।
अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार और आतंकियों की धमकी के बीच कुलगाम में दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण माहौल में कराने के लिए सुरक्षाबलों का 3 स्तरीय सुरक्षा चक्र तैनात किया है। आतंकरोधी अभियानों के लिए अलग-अलग दस्तों को तैनात किया जा रहा है। 150 शरारती तत्वों को हिरासत में लिया है।
कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में ही सबसे ज्यादा संख्या में आतंकी सक्रिय हैं। इन्हीं 3 जिलों में जमात-ए-इस्लामी का प्रभाव ज्यादा है। रियाज नायकू, जाकिर मूसा, लतीफ टाइगर, वासित जैसे कई नामी आतंकी भी इन्हीं जिलों में हैं। सुरक्षाबलों की 450 कंपनियों को तैनात किया गया है।
राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों से निपटने के लिए सिर्फ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों व जवानों को तैनात किया जा रहा है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेना के जवानों के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के विशेष दस्ते तैनात किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे इलाकों में विशेष पड़ताल चौकियां व नाके स्थापित किए जा रहे हैं।