मुंबई। पिछले कुछ समय के तनावपूर्ण संबंधों के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा और शिवसेना ने सोमवार को आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों पार्टियां इस साल प्रस्तावित 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बराबर-बराबर सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनभावना यह है कि दोनों दलों को एकसाथ आना चाहिए। शाह ने कहा कि भाजपा और शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र में 48 में से कम से कम 45 लोकसभा सीटें जीतेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना के करोड़ों कार्यकर्ता चाहते हैं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन हो। शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी है। ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की साझी डोर है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिए। फड़णवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना राष्ट्रीय विचारधारा वाली पार्टियां हैं, जो वृहद लोकहित में एक साथ आए हैं। सैद्धांतिक रूप से दोनों दल हिन्दुत्ववादी हैं।
शिवसेना के साथ भाजपा का गठबंधन राजनीति से परे : नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शिवसेना के साथ भाजपा का गठबंधन राजनीति से परे है और मजबूत भारत की इच्छा से प्रेरित है तथा साथ में चुनाव लड़ने का फैसला राजग को मजबूत बनाता है। उन्होंने ट्वीट किया है कि मुझे विश्वास है कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की पहली और एकमात्र पसंद होगा।
उन्होंने लिखा है कि अटल बिहारी वाजपेयी और बाल ठाकरे के विचारों से प्रेरित होकर भाजपा-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य एक बार फिर ऐसे जनप्रतिनिधि चुने, जो विकासोन्मुखी, भ्रष्टाचारमुक्त और भारतीय संस्कृति पर गर्व करने वाले हों। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि शिवसेना के साथ भाजपा का गठबंधन राजनीति से परे है। उन्होंने लिखा कि यह मजबूत और विकसित भारत देखने की आकांक्षा से बंधे हुए हैं।