कोलकाता। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री मानती हैं या नहीं, लेकिन उन्हें अगले पांच वर्ष और मोदी शासन के लिए तैयार रहना चाहिए। शाह ने मंच से जयश्रीराम के नारे लगाते हुए कहा कि जो बन पड़े उखाड़ लो।
शाह ने कहा कि आप मानें या न मानें लेकिन मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और आप अगले पांच साल मोदी सरकार के लिए तैयार रहें। पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान के अनुसार भारत की जनता प्रधानमंत्री चुनती है। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव बंगाल में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए है और इस बार भाजपा यहां 23 से अधिक सीटें जीतेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को काफी धनराशि दी, लेकिन यह सिंडिकेट के पास चली गई।
घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे : भाजपा अध्यक्ष ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक दोबारा लाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हम सबसे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लाएंगे और पड़ोसी देशों से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि हर घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाए।
उन्होंने कहा कि जैसे ही एक बार बंगाल में असली परिवर्तन होगा और भाजपा की सरकार बनेगी वैसे ही जो लोग मासूम बच्चों के विरोध के बावजूद उन्हें उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं, उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि अगर भगवान राम के नाम के नारे भारत में नहीं लगेंगे तो क्या पाकिस्तान में लगेंगे।
शाह ने कहा कि मैं उन्हें (ममता को) चुनौती देता हूं हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाएं। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि उन्हें अब गुंडों से डरने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को तैनात कर दिया है।
प्रियंका पर पलटवार : शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना दुर्योधन से किए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर पलटवार करते हुए कहा कि अब यह तो 23 मई को पता चल जाएगा कि कौन दुर्योधन है और कौन अर्जुन है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कहा कि बोफोर्स घोटाला राजीव गांधी के समय में हुआ था तो इसमें गलत क्या था? राहुल गांधी को देश को बताना चाहिए कि उनके पिता की सरकार में बोफोर्स घोटाला हुआ था या नहीं? भोपाल गैस त्रासदी हुई थी या नहीं? क्या कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार हुए कि नहीं? मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सच याद दिलाना अपमान है?