नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी के साथ ही केरल की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अमेठी में राहुल गांधी का मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है। यह मुकाबला बेहद कड़ा माना जा रहा है। ऐसे में पार्टी को राहुल के लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश थी। इन 5 बातों की वजह से वायनाड को राहुल के लिए सुरक्षित सीट माना जा रहा है...
बढ़ेगा कार्यकर्ताओं का उत्साह : केरल कांग्रेस इकाई का मानना है कि वायनाड से चुनाव लड़ने की वजह से पूरे दक्षिण भारत में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। इसी वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल से लगातार केरल से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। राहुल के इस फैसले से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा।
आसान सीट, मिल सकती है बड़ी जीत : वायनाड लोकसभा सीट को केरल में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक माना जाता है। यहां से राहुल आसानी से बड़ी जीत के साथ संसद में प्रवेश कर सकते हैं।
दक्षिण भारतीय राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद : यदि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ते हैं तो इससे अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में भी कांग्रेस का चुनाव अभियान तेजी पकड़ेगा। कांग्रेस को उम्मीद है कि पार्टी यहां से ज्यादा सीटें जीतने में सफल होगी।
उत्तर के साथ दक्षिण का समर्थन : पार्टी चाहती है कि राहुल को एक ऐसे नेता के रूप में उभारना चाहती है, जिन्हें उत्तर के साथ ही दक्षिण का भी समर्थन हासिल हो। कर्नाटक को छोड़कर भाजपा की दक्षिण में उपस्थिति नहीं है।
छवि गढ़ने का प्रयास : आमतौर पर दक्षिण भारतीय राज्य भाजपा की हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ माने जाते हैं। यदि राहुल दक्षिण भारत से चुनाव लड़ते हैं तो उनकी छवि को धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में उभारने में मदद मिलेगी।