(वेबदुनिया चुनाव डेस्क)
लोकसभा चुनाव 2014 में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट गई थी। हालांकि 2014 के बाद कांग्रेस के लिए राजनीतिक परिदृश्य काफी बदल चुका है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सत्ता में वापसी ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम किया है। आइए, जानते हैं कांग्रेस की उन ताकतों के बारे में, जो आगामी लोकसभा चुनाव में उसकी लिए सफलता का रास्ता बन सकती है।
1. राहुल गांधी की परिपक्व छवि : कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद राहुल गांधी एक परिपक्व नेता के तौर पर उभरे हैं। युवाओं में राहुल गांधी का आकर्षण बढ़ा है। नोटबंदी और राफेल, किसान जैसे मुद्दों को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर लगातार हमले किए। वरिष्ठ नेताओं के अनुभव और युवाओं के जोश के बीच उन्होंने समन्वय स्थापित करते हुए कांग्रेस को नए रूप में खड़ा करने की कोशिश की है। राहुल ने रैलियों और धुआंधार सभाओं से न सिर्फ गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूती दी बल्कि पार्टी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में सत्ता वापसी भी की।
2. प्रियंका गांधी की एंट्री : कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभालते ही राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी की राजनीति में औपचारिक एंट्री करवा दी। यूपी की कमान संभालते ही प्रियंका ने लखनऊ में मेगा रैली कर लोकसभा चुनाव 2019 के महासंग्राम में अपनी अहमियत का ट्रेलर दिखा दिया है। प्रियंका गांधी बिना आक्रामक हुए अपने राजनीतिक विरोधियों को पैंतरों से मात देती हैं। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले प्रियंका की एंट्री कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी।
3. महागठबंधन का साथ : मोदी के खिलाफ बना महागठबंधन कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकता है। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के क्षत्रप अपने-अपने गढ़ में मोदी को चुनौती देंगे। इसका फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिल सकता है। सपा-बसपा ने भले ही कांग्रेस से अलग होकर अपना गठबंधन बना लिया है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद ये सभी गठबंधन कांग्रेस के पाले में खड़े दिखाई दे सकते हैं।
4. कर्जमाफी और रोजगार का ब्रह्मास्त्र : मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसान कर्जमाफी और युवाओं को रोजगार जैसे लोकलुभावन वादे किए थे। इन वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस ने शुरुआत भी कर दी है। इन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में उतरेगी, जो इस महासंग्राम में उसकी ताकत बन सकते हैं।
5. लोकतांत्रिक पार्टी का दावा : कांग्रेस भाजपा पर यह भी आरोप लगाती रही है कि पार्टी को नरेन्द्र मोदी और अमित शाह चलाते हैं, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय और सहमति से अपनी नीति और रणनीति बनाती है।