लखनऊ। 'न मैं आया हूं और न मुझे भेजा गया है, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है', 2014 के लोकसभा चुनाव के समय नरेंद्र मोदी के भाषण के ये चंद शब्द आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। लोकसभा चुनाव के बनारस से पर्चा भरने के दौरान उस वक्त प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने जिस तरह मां गंगा से अपना लगाव दिखाया था, उसका फायदा यकीनन बीजेपी को चुनाव में मिला था। मोदी के बनारस के चुनाव लड़ने से पूरे उत्तर प्रदेश में चली बीजेपी की लहर में पूरा विपक्ष लगभग साफ हो गया था। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर 71 सीटों पर जीत हासिल की थी, अब जब 2019 के लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है तब एक फिर मां गंगा की याद सियासी दलों को आने लगी है।
कांग्रेस महासचिव और लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी 18 मार्च से ‘गंगा यात्रा’ शुरू करने जा रही है। तीन दिन चलने वाली गंगा यात्रा में प्रियंका तकरीबन 140 किलोमीटर की दूरी स्टीमर बोट से पूरी करेगी। 18 मार्च को प्रयागराज (इलाहाबाद) के छंटाग से शुरू होने वाले गंगा यात्रा बनारस के अस्सी घाट पर खत्म होगी। यात्रा के समापन पर अस्सी घाट पर कांग्रेस ने एक कार्यक्रम का आयोजन भी करने का प्लान बनाया है। इसके साथ प्रियंका गांधी के बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने का भी कार्यक्रम है।
वोटबैंक को साधने की कवायद - प्रिंयका गांधी अपनी इस गंगा यात्रा के जरिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद भी कर देगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस बार अस्सी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनावी मैदान में है और प्रियंका और कांग्रेस के रणनीतिकार अच्छी तरह जानते है कि अगर कांग्रेस को सूबे में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसको यहां के लोगों में अपनी पैठ बनानी होगी। प्रियंका अपनी यात्रा के जरिए मां गंगा के सहारे इस इलाके के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ एक भावानात्मक लगाव बनाने की कोशिश में है।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र प्रताप सिंह इसे कांग्रेस का पिछड़े वोट बैंक को साधने और चुनाव से पहले लोगों के साथ एक जुड़ाव करने की रणनीति बताते हैं। वेबदुनिया से बातचीत में महेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि प्रियंका जो गंगा जुमना तहजीब यात्रा शुरू करने जा रही है वो शायद इतिहास में पहली ऐसी सियासी यात्रा होगी जो स्टीमर से होगी, अगर इस पूरी यात्रा का रूट मैप देखा जाए तो प्रियंका गंगा के किनारे रहने वाली पिछड़ी जातियों जैसे मल्लाह, केवट जैसे समुदाय के लोगों से मिलेगी।
वहीं प्रियंका की पदयात्रा के जरिए लोगों से एक जुड़ाव भी होगा जिसके सहारे प्रियंका प्रधानमंत्री मोदी को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश करेगी। महेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि इस यात्रा के जरिए प्रियंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जहां सियासी हमला करेगी वहीं मोदी के गंगा की सफाई के लिए चलाए जा रहे नमामि प्रोजेक्ट की सच्चाई भी देखना चाह रही है जिसको कांग्रेस चुनाव में मोदी को घेरने के लिए इस्तेमाल कर सके।
प्रियंका की इस यात्रा को लेकर उत्साह पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर कहते हैं कि प्रियंका जी के दौरे को लेकर उत्साह स्वागत योग्य है, पार्टी पूरे चुनाव कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रही है जिसको प्रशासन की मंजूरी के बाद सबके सामने रखा जाएगा।