बनारस लोकसभा सीट देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस से चुनाव लड़ने और कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलों से ही इस सीट पर महामुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं इस हाईप्रोफाइल सीट से ऐसे कई और उम्मीदवार हैं, जो केंद्र सरकार की नीतियों और फैसलों से नाराज होकर मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
‘असली’ बनाम ‘नकली’ चौकीदार की लड़ाई : सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
24 अप्रैल को अपना नामांकन भरने जा रहे तेजबहादुर यादव कहते हैं कि चुनाव में मुकाबला असली और नकली चौकीदार के बीच है। प्रधानमंत्री के खुद के चौकीदार बताने पर सवाल उठाते हुए तेजबहादुर कहते हैं कि वे कहां से चौकीदार हो गए, असली चौकीदार तो देश की सीमा पर तैनात जवान हैं, जो देश की रक्षा करते हैं।
तेजबहादुर कहते हैं कि असली चौकीदार तो वे ही हैं, इसलिए पूरी लड़ाई असली बनाम नकली चौकीदार की है। वेबदुनिया से बातचीत में तेजबहादुर दावा करते हैं कि इस मुहिम में उनको बड़ी संख्या में सेना के जवानों का समर्थन भी मिल रहा है।
तेजबहादुर कहते हैं कि हमने मोदी पर विश्वास करके उनको वोट दिया था कि वे भष्टाचार को खत्म कर देंगे, लेकिन भष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। तेजबहादुर यादव वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि वे मोदी सरकार की सच्चाई बताने के लिए चुनावी मैदान में हैं।
भाजपा नेताओं के इन आरोपों पर कि वे केवल मोदी के खिलाफ चुनाव लड़कर चर्चित होना चाहते हैं, पर तेजबहादुर ने कहा कि वे भाजपा के नेताओं को चैलेंज करते हैं कि उनके आरोपों को गलत साबित करके दिखाएं, अगर आरोप गलत होते हैं तो वे इंडिया गेट पर फांसी पर चढ़ने को भी तैयार हैं। अगर भाजपा के नेताओं में हिम्मत है तो खुले मंच पर बहस करें।
मोदी के हमशक्ल भी मैदान में : 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को समर्थन करने वाले उनके हमशक्ल अभिनंदन पाठक इस बार मोदी और भाजपा के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।
अभिनंदन पाठक ने मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। अभिनंदन कहते हैं कि न तो मोदी सरकार में लोगों के अच्छे दिन आए और न ही लोगों के खाते में पंद्रह लाख रुपए, इसलिए वे इस बार मोदी के विरोध में हैं।
मोदी की तरह दिखने वाले अभिनंदन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर 26 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। 2014 के चुनाव में देशभर में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने वाले अभिनंदन ने लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी नामांकन दाखिल किया है।
रिटायर्ड जस्टिस कर्णन भी चुनौती देने को तैयार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके गढ़ में ही चुनौती देने की तैयारी रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन भी कर रहे हैं। मद्रास और कलकत्ता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कर्णन मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि जस्टिस कर्णन अपना नामांकन कब दाखिल करेंगे, अभी इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया है।