लोकसभा के लिए पांच चरणों का मतदान हो चुका है, लेकिन मतदाता का मूड क्या है इसको लेकर बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित भी नई सरकार को लेकर कोई भी दावा करने से बच रहे हैं, लेकिन इसी बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गैर भाजपा और गैर कांग्रेस फ्रंट के लिए जिस तरह से सक्रियता दिखाई है, वह जरूर चौंकाने वाली बात है।
केसीआर ने ही करीब दो साल पहले गैर भाजपा और गैर कांग्रेस फ्रंट का विचार दिया था। हालांकि उस समय यह कवायद पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाई, लेकिन केसीआर का अचानक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मिलना यह जरूर संकेत दे रहा है कि राव एक बार फिर अपनी मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक केसीआर की अगली मुलाकात तमिलनाडु में डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन से होगी। दोनों नेता 13 मई को मुलाकात करेंगे। राव की यह सक्रियता भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं क्योंकि अभी तक माना जा रहा था कि सीटें कम पड़ने की स्थिति में भाजपा केसीआर से भी मदद मांग सकती है।
दरअसल, केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने ने कुछ समय पहले संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा में एकतरफा जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद से उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। यही कारण है कि राष्ट्रीय राजनीति में भी वे अपनी भूमिका देखने लगे हैं। यदि उनके प्रयास कामयाब हुए तो निकट भविष्य में ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती एवं कुछ अन्य दल भी उनसे जुड़े सकते हैं।