मध्यप्रदेश में खराब परफॉर्मेंस और एंटी इनकंबेंसी फैक्टर के चलते कई भाजपा सांसदों के टिकट बदलना तय

विकास सिंह
मंगलवार, 12 मार्च 2019 (09:52 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा के करीब एक दर्जन सांसदों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। 2014 में मोदी लहर में मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस का सफाया करते हुए 29 लोकसभा सीटों में से 27 पर कब्जा कर लिया था। भाजपा केवल कांग्रेस के पंरपरागत सीट कमलनाथ और सिंधिया के गढ़ को भाजपा भेदने से चूक गई थी। वहीं बाद में पार्टी ने उपचुनाव में झाबुआ सीट भी खो दी थी। वहीं इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी परिदृश्य एकदम भिन्न है।

2019 के लोकसभा चुनाव में न तो 2014 जैसी मोदी लहर है और सूबे में भाजपा की जगह कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में भाजपा के सामने लोकसभा चुनाव में पिछले प्रर्दशन को दोहराना किसी चुनौती से कम नहीं है। पार्टी खराब परफॉमेंस करने वाले सीटिंग सांसदों के टिकट काट कर उनकी जगह नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। 
 
लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने टिकट बंटवारे से पहले जो सर्वे कराया था उसमें कई सांसदों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके बाद पार्टी करीब एक दर्जन सीटों पर अपने प्रत्याशी बदलने की तैयारी में है। पार्टी भोपाल, भिंड, मुरैना, सागर, खजुराहो, देवास, होशंगाबाद, उज्जैन, मंदसौर-नीमच, उज्जैन संसदीय सीटों पर अपने चेहरे बदलने की तैयारी है।

भोपाल से बड़ा चेहरा उतारने की तैयारी - भाजपा की परंपरागत सीट भोपाल से इस बार पार्टी किसी बड़े चेहरे को चुनावी मैदान में उतार सकती है। भोपाल से वर्तमान सांसद आलोक संजर को पार्टी दोबारा टिकट देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। आलोक संजर क्षेत्र में सक्रियता को लेकर भी पार्टी के अंदर कई सवाल उठे है। वहीं पार्टी और शाह के सर्वे में उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है।

विदिशा सीट पर होगा नया उम्मीदवार - विदिशा से वर्तमान सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है। इसके बाद इस सीट पर पार्टी नया प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। वहीं पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने विदिशा से अपनी बेटी के लिए टिकट की दावेदारी कर एक बार फिर सियासी माहौल गरमा दिया है।
 
इंदौर में 'ताई' के टिकट पर टकराव - भाजपा के गढ़ के रूप में पहचानी जाने वाली इंदौर सीट से वर्तमान सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन नौवीं बार भी टिकट की दावेदारी कर रही है। लेकिन पार्टी के 75 पार फार्मूले के आधार पर इंदौर के कई नेता ही उनकी टिकट दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्य नारायण सत्तन खुलकर सुमित्रा महाजन को टिकट देने के विरोध में आ गए हैं। ताई को टिकट दिए जाने पर सत्तन ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। वहीं इंदौर से पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी टिकट की दौड़ में है।

भिंड में बदलाव तय - भिंड लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद भागीरथ प्रसाद की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सर्वे में परफॉर्मेस रिपोर्ट सही नहीं है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भागीरथ प्रसाद का टिकट बदला जाना तय है।
 
सागर सांसद पर भारी एंटी इनकंबेंसी - सागर भाजपा सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव के विधानसभा चुनाव हारने और उनकी खुद की परफॉर्मेंस सहीं नहीं होने के चलते टिकट कटना तय माना जा रहा है। इसके साथ सांसद का स्थानीय स्तर पर पार्टी के अंदर विरोध भी पार्टी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर रहा है।
 
मुरैना सांसद पर विधानसभा हार का इफेक्ट - मुरैना से भाजपा के वर्तमान सांसद अनूप मिस्र के टिकट पर भी खतरा मंडरा रहा है। सांसद होते हुए विधानसभा चुनाव लड़े अनूप मिस्र के चुनाव हार जाने के बाद खुद उनकी दावेदारी सवालों के घेरे में है। इसके बाद पार्टी उनका टिकट काटने की तैयारी में है।
 
होशंगाबाद सांसद पर खराब परफॉर्मेस पड़ेगी भारी - भोपाल से सटी इस सीट पर कांग्रेस इस बार किसी बड़े चेहरे को उतारने की तैयारी में है। वहीं भाजपा के वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। उदय प्रताप के टिकट का विरोध पार्टी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता कर रहे हैं। वहीं उदय प्रताप की पिछले पांच सालों में क्षेत्र में सक्रियता भी सवालों के घेरे में है जिससे बाद सांसद जी के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है।
 
खजुराहो में खुलेगी नए चेहरे की किस्मत - खजुराहो से वर्तमान सांसद नागेंद्र सिंह के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट से पार्टी किसी बड़े चेहरे को उतारने की तैयारी में है। पार्टी के कई बड़े नेता इस सीट से अपनी टिकट की दावेदारी कर चुके है।

बैतूल में हो सकता है बदलाव- लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उनका निर्वाचन शून्य ठहराए जाने के बाद उनके टिकट पर खतरा मंडरा रहा है।

सतना और सीधी में भारी एंटी इनकमबेंसी - भाजपा को विंध्य की दो महत्वपूर्ण सतना और सीधी लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसदों के पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध भारी पड़ रहा है। सतना सांसद गणेश सिंह और सीधी सांसद रीति पाठक का विरोध उनके क्षेत्र के विधायक और नेता कर रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी के मंच पर सांसद रीति पाठक और स्थानीय विधायक की खींचतान दिखाई दी थी इसलिए पार्टी भीतरघात से बचने के लिए इस बार इन दोनों सीट पर टिकट बदल सकती है।

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