परिचय : महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है नागपुर। इसकी स्थापना देवगढ़ (छिंदवाड़ा) के गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने 1703 ई. में की थी। इसका नाम नाम नाग नदी पर रखा गया है। यह नदी नागपुर के पुराने हिस्से से गुजरती है। देश का दूसरा हरियाली से परिपूर्ण नागपुर को संतरों के शहर के नाम से भी जाना जाता है।
कई राष्ट्रीय उद्यानों के कारण इसकी 'टाइगर राजधानी' के रूप में भी पहचान है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय भी यहीं पर है। नागपुर शहर संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की दीक्षा भूमि भी है। यही पर 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। तब से यह स्थान बौद्ध तीर्थस्थल के तौर पर जाना जाता है।
जनसंख्या : जनगणना 2011 के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 25 लाख है। हालांकि एक अनुमान के मुताबिक यहां की जनसंख्या 28 लाख से ज्यादा है।
अर्थव्यवस्था : यह संतरे के व्यापार का मुख्य केंद्र है। यह देश में एक परिवहन केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह सूती कपड़ों का एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है। प्राकृतिक संसाधनों की भरमार के कारण यहां खनन एक महत्वपूर्ण उद्योग है। पिछले कुछ सालों में यहां की अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि हुई है।
मतदाताओं की संख्या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुताबिक यहां मतदाताओं की कुल संख्या 19 लाख 787 है, जिसमें 9 लाख 79 हजार 995 पुरुष और 9 लाख 20 हजार 792 महिलाएं हैं।
भौगोलिक स्थिति : यह शहर भारत के मध्य में स्थित है। यह हवाई मार्गों, रेल और सड़कों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही यह देश में वन्यजीव भंडार के लिए भी व्यापक रूप से जाना जाता है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा नेता और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी यहां से सांसद हैं। यह उनका गृहनगर भी है। लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार को पराजित किया था। मुत्तेमवार 1998 से 2009 तक लगातार सांसद रहे हैं।