Lohri 2022 : लोहड़ी उत्सव को मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व रात में मनाया जाता है। सिंध, पंजाब, हरियाणा आदि जगहों पर यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आओ जानते हैं इस पवित्र पर्व के दिन क्या करें और क्या नहीं करें।
लोहड़ी के दिन क्या करें :
1. लोहड़ी पर भगवान श्रीकृष्ण, आदिशक्ति और अग्निदेव तीनों की पूजा की जाती है। तीनों की पूजा करें और सरसो का दीप जलाएं। इस दिन घर की साफ सफाई के साथ नए वस्त्र पहना चाहिए।
2. लोहड़ी पर रात में अग्नि जलाकर उसमें तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, खील, मक्की के दानों की आहुति देने की परंपरा है। इस दौरान रेवड़ी, खील, गज्जक, मक्का खाने का आनंद भी लेते हैं।
3. लोहड़ी पर लोकनृत्य और लोकगीत गाने की परंपरा है। लकड़ियां जलाकर आग सेंकते हुए लोकगीतों का आनंद लेते हैं। ढोल की थाप पर थिरकते लोग गिद्दा और भांगड़ा करते हुए लोहड़ी पर्व मनाते हैं। लकड़ी जलाकर अग्नि के चारों ओर चक्कर काटते हुए नाचते-गाते हैं।
4. सभी लोग अपने अपने काम से निपटकर अग्नि की 7 या 11 बार परिक्रमा करते हैं और अग्नि को रेवड़ी अर्पित करते हैं। बाद में प्रसाद के रूप में सभी उपस्थित लोगों को रेवड़ी बांटी जाती हैं। घर लौटते समय लोहड़ी में से 2-4 दहकते कोयले, प्रसाद के रूप में, घर पर लाने की प्रथा भी है।
5. यदि नव विवाहित हैं तो लोहड़ी की पूजा उन्हीं से करवाएं। इस दिन घर में हवन कराएं। नव विवाहित लड़के या जिन्हें पुत्र होता है उनके घर से पैसे लेकर अपने क्षेत्र में रेवड़ी बांटते हैं ये काम बच्चे करते हैं। लोहड़ी के दिन या उससे कुछ दिन पूर्व बालक बालिकाएं मोहमाया या महामाई का चंदा मांगते हैं, इनसे लकड़ी एवं रेवड़ी खरीदकर सामूहिक लोहड़ी में उपयोग में लाते हैं।
6. लोहड़ी के दिन विशेष पकवान बनते हैं जिसमें गजक, रेवड़ी, मुंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्का की रोटी और सरसों का साग प्रमुख होते हैं।
7. लोहड़ी के दिन गुरुद्वारों में भी इस पर्व पर श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहती है। गुरुद्वारों में विशेष शबद कीर्तन भी होता है। इस दिन कीर्तन सुनने भी जाना चाहिए।
8. गुरुद्वारा बंगला साहिब एवं अन्य गुरुद्वारों के सरोवरों में लोग डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं। इस दिन श्रद्धालुजन यमुना स्नान, गुरुद्वारों के पवित्र सरोवरों में स्नान करते हैं।
9. इस दिन दान करने का भी महत्व रहता है। यथाशक्ति जरूरतमंदों को दान करें। खासकर तिल और गुड़ का दान करें और गरीब कन्याओं को रेवड़ी बांटे। इस दिन काली गाय को खिचड़ी बनाकर खिलाएं।
10. इस दिन लोई माता की कथा सुनने की परंपरा है।
क्या नहीं करें :
1. इस दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें।
2. इस दिन मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करें।
3. इस दिन काले कपड़े नहीं पहनें।
4. इस दिन मुंह से किसी भी प्रकार का अपशब्द न निकालें।
5. इस दिन परिवार को छोड़कर न जाएं, परिवार के साथ ही लोहड़ी मनाएं।