तोल, मोल के बोल

डॉ. आशीष जैन
शनै: शनै: कड़ी - 10
 
प्रत्येक बोले जाने वाले बोल का मोल होता है अत: उसका व्यय तोल-तोलकर ही करना उचित है। बोल सस्ते भी होते हैं और महंगे भी। पर नि:शुल्क तो कदापि नहीं- सस्ते से सस्ते बोल का मोल होता है। आजकल, मीडिया एवं सोशल मीडिया पर और राजनीतिक रैलियों में सस्ते बोल अधिक बिक रहे हैं, क्योंकि महंगे बोल संभाल सकने वाले 'अटल पुरुष' स्मृतिलोप से पीड़ित हैं और एक कमरे में कैद अपनी मृत्यु को एकटक ताक रहे हैं। और तो और, उनके अनुयायियों में भी यही भ्रांति फैली है कि महंगे बोल का उपयोग करने से राजनीतिक आयु क्षीण होती है।
 
अत: छुटभैये नेताओं से लेकर स्टार प्रचारक तक सस्ते से सस्ते बोलों का प्रयोग कर रहे हैं। प्रत्येक बोल के साथ एक वैधानिक चेतावनी अवश्य होती है जिसे हर राजनेता संविधान की प्रस्तावना की तरह अनदेखा कर देता है- 'बोल, बाजार के जोखिमों के अधीन हैं, कृपया बोलने से पहले तोल लें एवं टटोल लें।' विगत सप्ताह गुजरात में संपन्न विधानसभाचुनाव में सत्तासीन पक्ष की अप्रभावी, निराशाजनक, दुर्भाग्यशाली विजय हुई और अनादि काल से विपक्ष में स्थापित पार्टी की शानदार, धमाकेदार हार दर्ज हुई। हालांकि चुनाव तो हिमाचल में भी हुए थे, पर उस विषय में न कोई चर्चा हुई और न ही यह इस लेख का विषय है।
 
हिमाचल के चुनाव से अधिक 'एयर टाइम' तो मीडिया ने ब्रेक्जिट को दिया था। बहरहाल, संपूर्ण गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए दोनों पक्षों के मुखियाओं ने घूम-घूमकर खूब गरबे किए, मतदाताओं से रास रचाया और यदा-कदा उच्च श्रेणी के बोल, बोलकर अपने-अपने राजनीतिक थेपले भी सेंके।
 
इसी बीच सौराष्ट्र और कच्छ के मतदाताओं ने लाल तीखी मिर्च का तड़का लगाकर पकवान का स्वाद बिगाड़ने का भरसक प्रयत्न किया, पर अंततोगत्वा वे गुजराती भाइयों द्वारा बनाई हुई दाल की मिठास कम नहीं कर पाए। इस विजयश्री में गुजराती भाइयों का सहयोग दिया सुदूर दिल्ली में बैठे मणिधारी कार्यकर्ता ने। ये उच्च कोटि का 'सिद्ध महापुरुष' जिस वस्तु को भी स्पर्श करता है, वह स्वर्ण में परिवर्तित हो जाती है। सखेद, निश्छल प्राणी अपने बोल से मात्र विरोधियों को ही स्पर्श करता है और उनके सामने ताक रही पराजय को स्वर्णिम विजयश्री में रूपांतरित कर देता है।
 
एक साक्षात्कार में बीती रात अपने पाकिस्तानी मित्रों के साथ लिए सुस्वादु भोज की डकार के साथ ही उनके श्रीमुख से कुछ पुष्प वचन स्वस्फूर्त झड़े। हिन्दी कमजोर होने से इन्होंने शब्दकोश का आश्रय तो लिया, परंतु समय रहते बनारस हिन्दी शब्दकोश न मिलने के कारण बनारसी पान भंडार पर प्रयुक्त शब्दों का चयन किया। इस गाढ़े घोल के प्रयोग के पूर्व अतिउत्साह में विक्रेता द्वारा दी गई चेतावनी को भी अनदेखा कर दिया। फिर क्या था? प्रतिपक्ष में बैठे महारथी ने इस रसना के डब्बे को लपका और एक लीटर पानी में पूरा रसना द्रव्य के साथ पाउडर और चीनी मिलाकर तबीयत से घोला और पलक झपकते ही बारह गिलास शर्बत तैयार! पूरी बारात को पिलाया।
 
देखते ही देखते इसकी मिठास में मतदाता चींटियों की भांति खिंचे चले आए। परिणामस्वरूप मणिधारी अपनी पार्टी से और पार्टी गुजरात से पाँच वर्षों के लिए निष्कासित हो ही गई। अनमने मन से विजयश्री ने विजेता का आलिंगन किया। आप भले ही बिना विचारे बोल दें, पर श्रोता सुनता भी है और समझता भी है। सस्ते बोल क्षणिक टीआरपी तो दिला सकते हैं, परंतु वोट पाना दुष्कर और सम्मान तो असंभव है। वक्ता निर्धारित करे उसे जीवन में क्या चाहिए- क्षणिक प्रसिद्धि, अल्पकालिक सत्ता अथवा दीर्घकालिक सम्मान।
 
चुनाव प्रति तिमाही की दर से आते रहे हैं और आते रहेंगे, परंतु आपके बोल वचन इस ब्रम्हांड में सदा लिए गूँजते रहेंगे, क्योंकि ये मीडिया के आर्काइव और ट्विटर, फेसबुक की टाइम लाइन पर सुरक्षित है। समय-समय पर आप ही के बोल आपके सम्मुख होंगे- ये सस्ते बोल बहुत ही महंगे सिद्ध होते हैं। अत: बुद्धिमत्ता इसी में है कि 'पहले टटोल, फिर तोल और तब बोल, मोल के बोल'।
 
(लेखक मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली में श्वास रोग विभाग में वरिष्ठ विशेषज्ञ हैं।)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या आपको भी पसंद है चाय के साथ नमकीन खाना? सेहत को हो सकते हैं ये 5 नुकसान

ऑफिस के लिए 5 best corporate outfit ideas, जानिए किन आउटफिट्स से मिलेगा परफेक्ट प्रोफेशनल लुक

खाने के बाद चबाएं एक पान का पत्ता, सेहत को मिलेंगे ये 7 गजब के फायदे

अपने नाखूनों की देखभाल करने के लिए, अपनाएं ये बेहतरीन Nail Care Tips

सूप पीने से पहले रखें इन 5 बातों का ध्यान, सेहत को मिलेंगे 2 गुना फायदे!

सभी देखें

नवीनतम

स्टील, एल्युमीनियम और मिट्टी, कौन सा बर्तन है सबसे अच्छा? जानिए फायदे और नुकसान

मंडे ब्लूज़ से हैं अगर आप भी परेशान, तो ये खाएं ये सुपरफूड्स

आपके खाने में कितनी होनी चाहिए Fiber की मात्रा, जानें फाइबर क्या है और क्यों है ये जरूरी

White Discharge से हैं परेशान तो इस बीज का करें सेवन, तुरंत मिलेगी राहत

इंटिमेट एरिया में जलन या इरिटेशन की है परेशानी, चावल के पानी से मिलेगी राहत

अगला लेख
More