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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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एक साक्षात्कार : स्मार्ट शहर की स्मार्ट गाय का

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देवेन्द्रसिंह सिसौदिया 
आज तक मैंने कई नेताओं, धर्मगुरुओं, महापुरुषों के अनेकों साक्षात्कार लिए है। आज स्मार्ट शहर की तंग गलियों मे केटवॉक करती गाय माता का साक्षात्कार करने का मन हुआ। हमने गाय माता से अनुरोध किया। माताजी ने बड़े-बड़े सींग वाला माथा हिला कर स्वीकारोक्ति देते हुए शहर की व्यस्ततम सड़क पर साक्षात्कार हेतु बुला लिया। हम नियत समय पर सारी बाधाओं को लांघते हुए सड़क के मध्य पहुंच गए। माताजी के पैर छूते हुए साक्षात्कार प्रारंभ करने की इजाजत ली। आसपास से गाड़ियां सुव्यवस्थि‍त तरीके से गुजर रही थी। हमने एक नए माहौल के मध्य साक्षात्कार प्रारंभ किया - 
 
प्रश्न 1 - माताजी आप सर्वमान्य और पूजनीय है, फिर गली-गली क्यों भटकती रहती हैं ? 
उत्तर - क्या करें, हमारी मजबूरी है, हमें अपने घर में कोई स्थान ही नहीं देता बस नारों और नारी के मन तक ही हमारा स्थान सीमित है । 
 
प्रश्न 2 - सुना है आपके मालिक भी है ?
उत्तर - हां सही सुना आपने, अभी थोड़ी देर में जब दूध दोहने का समय होगा तब वो आएंगे। क्या आपको उनका भी साक्षात्कार लेना है ? 
 
प्रश्न 3 - आपको पता है हमारे शहर को स्मार्ट शहर की श्रेणी में ले लिया गया है ? 
उत्तर - हां अच्छे से पता है, इसी सड़क से वह समिति गुजरी थी, जिसने इसे स्मार्ट शहर बनने की घोषणा की है। उस दिन हम सड़क पर विचरण करते हुए उनकी कार के समक्ष आ गए थे, तभी हमारे इन लंबे-लंबे कानों में बात पड़ी थी। कह रहे थे कम्बख्त ये नहीं सुधरेगी, लाख इस शहर को स्मार्ट क्यों न बना दो।
  
प्रश्न 4 - क्या जानते है स्मार्ट शहर बनने के बाद आप इस तरह से विचरण नहीं कर पायेंगे ?
उत्तर - यह आपको किस ने कह दिया ? यह शहर कितना भी स्मार्ट क्यों न हो जाए, हमारे मालिक थोड़ा न स्मार्ट हो जाएंगे। रही बात हमारी, तो हम कुछ अपनी जीवन शैली में जरुर सुधार कर लेंगे, मसलन चलने-फिरने और खाने-पीने के तौर-तरीकों में स्मार्टनेस ले आएंगे।
 
प्रश्न 5 - आप कामधेनु, कपिला, देवनी, नंदि‍नी जैसे पवि‍त्र नामों से जानी जाती हो, फिर लोग ढोर कह कर क्यों पुकारते है ? 
उत्तर - आप समझे नहीं, वे हमें नहीं अपितु हमारे मालिक को ढोर कहते है जो हमें सड़कों पर छोड़ देते हैं । 
 
प्रश्न 6 - आपको पता है आपके लालन-पालन और सुरक्षा हेतु नगर निगम में कांजी हाउस की व्यव्स्था है, फिर आप वहां क्यों नहीं चली जाती ? 
उत्तर - जी एक बार नगर निगम वाले ले गए थे, पता नहीं मालिक आए और क्या डील हुई हमें सड़कों पर पुनः छोड़ दिया । 
 
प्रश्न 7 - आपके बेतरतीब तरीके से इस प्रकार सड़कों पर बैठने और घूमने से यातायात व्यव्स्था अस्त-व्यस्त होती है ? 
उत्तर - यह  आरोप आपका सरासर गलत है। इन चोड़ी सड़कों पर आधा स्थान तो सब्जी-भाजी, खोमचे, रेड़ी वालों के कब्जे में है। कुछ स्थान गाड़ी पार्किंग के काम आता है। हम तो टूटे हुए डिवाइडर वाले हिस्से में बैठ या खड़े होकर डिवाइडर का काम करते हैं ताकि आसपास से आने जाने वाले सुलभता से निकल जाए और आपस में न टकराए। बताइए, इतनी देर से आप हमारा सक्षात्कार ले रहे हैं कोई वाहन हमसे टकराया ? 
 
प्रश्न 8 - आपके नाम पर तो बहुत राजनीति हुई है ? 
उत्तर - राजनीति का क्या, समय आने पर वो तो हमारे मूत्र और गोबर पर भी कर डालें। 
 
प्रश्न 9 - वो आपके छोटे से मदन गोपाल किधर हैं ? 
उत्तर - वो आजकल नए एलबम की रिकॉर्डिंग में व्यस्त हैं। 
 
प्रश्न 10 - कौनसा एलबम ? 
उत्तर - जी पुराने वाले का ही नया वर्जन निकाल रहे हैं ? 
 
प्रश्न 11 - जी नाम बताएंगे ? 
उत्तर - हां– हां क्यों नहीं, ‘ पन्नी खाए गैया और दूध दुहे ग्वाल ।

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