Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

‘प्रभाकर श्रोत्रिय प्रसंग’ में रचनाओं की सांगीतिक प्रस्तुति के अनूठे प्रयोग ने मोहा मन

हमें फॉलो करें prabhakar shotriya
, मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (15:41 IST)
इंदौर, हिन्दी साहित्य के शिखर आलोचक-नाटककार प्रभाकर श्रोत्रिय की स्मृतियों को समर्पित आयोजन में साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे और गायक-बांसुरी वादक आलोक बाजपेयी ने हिन्दी साहित्य के 25 मूर्धन्य साहित्यकारों की रचनाओं को संगीतबद्ध कर उन पर पूरा कार्यक्रम करने का अनूठा प्रयोग किया जो हर दृष्टि से यादगार और सफल रहा।

विभिन्न कालखंडों के सर्वश्रेष्ठ कवियों की चुनिंदा रचनाएं जो अपने -आप में बेहद सशक्त थीं, मधुर धुन-संगीत और साज़ों का साथ पाकर सीधे दर्शकों के दिलो-दिमाग में प्रवेश कर गईं। रचना के मूल भाव को ध्यान में रखकर की गई प्रस्तुतियों का प्रभाव ऐसा था कि दर्शक अनेक बार भावनाओं के ज्वार-भाटे में गोते लगाते रहे और कभी चांदनी की रूमानियत में खो गए तो कभी देशभक्ति में डूबकर वन्दे मातरम के नारों से सभागृह गूंज उठा। देश के साहित्यिक आकाश के सबसे चमकदार सितारों की रचनाओं की सांगीतिक प्रस्तुति का प्रयोग न केवल सफल रहा बल्कि दर्शकों के लिए चिर स्मरणीय भी बन गया।

इसी क्रम में 28 जनवरी को बड़नगर में आलोचना साहित्य के शिखर पुरुष एवं नाटककार प्रभाकर क्षोत्रिय को समर्पित एक दिवसीय आयोजन बड़नगर में किया गया। आयोजन में प्रभाकर क्षोत्रिय के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विद्वानों के व्याख्यानों के अलावा एक अनूठी सांगीतिक विनयाजंलि भी दी गई।
webdunia

रचनाकारों की कविताओं को सांगीतिक प्रस्तुति का अनूठा प्रयोग किया गया। इसमें इंदौर के गायक- बांसुरी वादक आलोक बाजपेयी कवियों की रचनाओं को स्वर देकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इन कवियों में श्री क्षोत्रिय की लोकप्रिय पुस्तक "तुलसी से त्रिलोचन" तक में शामिल कवियों के अलावा उनके कृतित्व में लगातार जगह पाने वाले कभी शामिल रहे। इस सूची में भक्ति काल के तुलसीदास, मीराबाई, सूरदास से लेकर कबीर साहब जैसे सुधारवादी कवि तो छायावादी- राष्ट्रवादी मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, शिवमंगल सिंह सुमन, रामधारी सिंह दिनकर, भवानी शंकर मिश्र जैसे साहित्य रत्न शामिल थे तो अज्ञेय, रामविलास शर्मा, नागार्जुन, श्रीनरेश मेहता, मुक्तिबोध जैसे नई कविता के धुरंधर भी।

यह पहला अवसर होगा कि किसी साहित्यकार के प्रिय कवियों को स्वर देकर उन्हें इस तरह श्रद्धाजंलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन अजय पंड्या ने किया। आभार प्रदर्शन स्थानीय संयोजक चेतनपुरी गोस्वामी ने किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

प्रेम हथेली पर रखे पारे की तरह होता है : जानिए प्यार को लेकर क्या कहते हैं विद्वान