जानिए अपनी जन्म-कुंडली, लग्न-कुंडली से कब मिलेगा धनलाभ, कब होंगे आप मालामाल।
- मेष लग्न की कुंडली में सूर्य, मंगल, गुरु व शुक्र यह चारों यदि नवम भाव में हों तथा शनि सप्तम भाव में हो तो धन योग बनते हैं।
- मेष लग्न की कुंडली में सूर्य व चतुर्थ भाव में चंद्र स्थित हो।
- वृष लग्न की कुंडली में बुध-गुरु एकसाथ बैठे हों तथा मंगल की उन पर दृष्टि हो।
- मिथुन लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-शुक्र तीनों एकसाथ द्वितीय भाव में हों।
- मिथुन लग्न की कुंडली में शनि नवम भाव में तथा चंद्र व मंगल ग्यारहवें भाव में हों।
- कर्क लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-गुरु दूसरे भाव में तथा शुक्र-सूर्य पंचम भाव में हों।
- कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा सप्तम भाव में मंगल हों।
- कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा चतुर्थ में शनि हो।
- सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, मंगल तथा बुध- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों।
- सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, बुध तथा गुरु- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों।
- कन्या लग्न कुंडली में शुक्र व केतु दोनों धनभाव में हों।
- तुला लग्न कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि हो।
- तुला लग्न कुंडली में गुरु अष्टम भाव में हो।
- वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु कहीं भी एकसाथ बैठे हों।
- वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु की परस्पर सप्तम दृष्टि हो।
- धनु लग्न वाली कुंडली में दशम भाव में शुक्र हो।
- मकर लग्न कुंडली में मंगल तथा सप्तम भाव में चंद्र हो।
- कुंभ लग्न कुंडली में गुरु किसी भी शुभ भाव में बलवान होकर बैठा हो।
- कुंभ लग्न कुंडली में दशम भाव में शनि हो।
- मीन लग्न कुंडली में लाभ भाव में मंगल हो।
- मीन लग्न कुंडली में छठे भाव में गुरु, आठवें में शुक्र, नवम में शनि तथा ग्यारहवें भाव में चंद्र-मंगल हों।