रूस में सरकार वर्ल्ड कप की मेजबानी करने की कीमत लोगों से वसूलेगी। टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं और पेंशन में कटौती हो रही है। वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहे रूस में आजकल फुटबॉल की चकाचौंध में कुछ भी नहीं दिखाई पड़ रहा है।
हां तक कि बड़े पेंशन सुधारों को लेकर चिंताओं की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है। पूरा देश फुटबॉल के जश्न में डूबा है। रूसी लोग अपनी टीम के प्रदर्शन से भी काफी खुश हैं जो टूर्नामेंट के क्वॉर्टरफाइनल तक पहुंची। लेकिन पेनल्टी शूटआउट में क्रोएशिया से मिली हार के बावजूद रूसी फैन नाराज नहीं हैं और अपनी टीम को धन्यवाद दे रहे हैं।
15 जुलाई को वर्ल्ड कप के फाइनल के साथ यह सब खत्म हो जाएगा। दुनिया भर से आए फुटबॉल फैन अपने घर लौट जाएंगे और रूसी लोगों को भी फिर रोजमर्रा की मुश्किलों से जूझना होगा। सरकार के जिन अलोकप्रिय सुधारों से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी, फिर से उन पर चर्चा होने लगेगी।
रूस में पुरुषों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 60 साल और महिलाओं के लिए 55 साल है। पुतिन सरकार इसे बढ़ाकर 65 और 63 करना चाहती है।
वैसे किसी को भी इस साल रूसी अर्थव्यवस्था में बड़ी वृद्धि की उम्मीद नहीं है। रूस के आर्थिक मंत्रालय ने इस साल जीडीपी में वृद्धि के अनुमान को 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है. 2019 में वृद्धि की रफ्तार और सुस्त होने की उम्मीद है जो लगभग 1.4 प्रतिशत रह सकती है।
इस गिरावट की एक बड़ी वजह मूल्य संवर्धित टैक्स (वैट) को बढ़ाने का सरकार का फैसला है। एक जनवरी 2019 से रूस में वैट 18 प्रतिशत से बढ़ कर 20 प्रतिशत हो जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि इससे आर्थिक विकास वृद्धि दर घटने और मुद्रास्फीति तेज होने का अंदेशा है।
रूस में पिछले चार साल से वेतनों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। लेकिन सरकार उम्मीद कर ही है कि वैट बढ़ाने से अगले साल उसके खजाने में 620 अरब रूबल यानी लगबग 8.5 अरब यूरो आएंगे। यह लगभग विश्व कप की मेजबानी पर आए खर्च के बराबर है। रूसी अधिकारी कहते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन पर उन्होंने 9.21 अरब यूरो खर्च किए हैं।
माना जा रहा है कि रूस में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से सरकार को 2019 से 2024 के बीच हर साल 100 अरब रूबल ज्यादा की आमदनी होगी। रूस के श्रम मंत्री मैक्सिम टोपीलिन का कहना है कि इस राशि में से एक हिस्सा पेंशन लाभों को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाएगा। अभी रूस में औसतन मासिक पेंशन 200 यूरो दी जाती है।
वैसे अगर रूस में वर्ल्ड कप ना भी होता तो भी रिटायरमेंट की उम्र में तब्दीली और वैट में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना थी। रूसी नागरिक पहले से ही जरूरी सेवाओं के लिए काफी ज्यादा फीस चुका रहे हैं। मिसाल के तौर पर पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए उन्हें 50 यूरो देने पड़ते थे जिसे बढ़ाकर अब 70 यूरो कर दिया गया है। इसके अलावा 30 यूरो में बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 40 यूरो देने होंगे।