Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ऊर्जा संकट में भी फ्रांस को बिजली क्यों बेच रहा है जर्मनी

हमें फॉलो करें ऊर्जा संकट में भी फ्रांस को बिजली क्यों बेच रहा है जर्मनी

DW

, शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (07:51 IST)
ऊर्जा संकट के दौर में भले ही देशवासियों के लिए बिजली बचाना जरूरी बनाया जा रहा है लेकिन पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात जारी रहेगा। जर्मनी देश में बचत के उपायों को लागू करेगा और फ्रांस को बिजली देता रहेगा।
 
फ्रांस के परमाणु बिजली घरों में कुछ समस्या चल रही है इसलिये हाल के महीनों में वहां बिजली का बिल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में पड़ोसी देशों की बिजली कंपनियां अपनी बची हुई बिजली फ्रांस को बेच रही हैं, जाहिर है कि इसमें उनका भी मुनाफा है। जर्मनी के अर्थव्यवस्था और ऊर्जा विभाग में उप मंत्री पैट्रिक ग्राइशेन का कहना है, "फ्रांस के केवल आधे परमाणु बिजली घर ही चल रहे हैं। यही वजह है कि जर्मनी, इटली और कुछ दूसरे देश फ्रांस को निर्यात कर रहे हैं। यूरोप में बिजली का बाजार ऐसा ही है।"
 
यूरोप में ऊर्जा संकट का यह एक और संकेत है। प्राकृतिक गैस और बिजली दोनों की कीमतें फिलहाल रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। रूस जर्मनी और दूसरे को गैस की सप्लाई में कटौती कर रहा है और इसके साथ ही बिजली की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। इन देशों में अक्षय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा से इस कमी की भरपाई नहीं हो पा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि ऊर्जा की ऊंची कीमतें महंगाई को बढ़ा रही हैं और यूरोप में मंदी की आशंका तेज हो रही है।
 
यूरोपीय भाईचारा
जर्मनी के लिए नेचुरल गैस इस वक्त बेहद अनमोल है और इसे सर्दियों के लिये बचाने की हर कोशिश हो रही है। मुमकिन है कि रूस सर्दियों में पूरी तरह गैस की सप्लाई बंद कर दे। सरकार इसी हफ्ते गैस बचाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

हालांकि इसके बाद भी बड़ी मात्रा में गैस जला कर बिजली पैदा की जा रही है ताकि फ्रांस को बिजली की सप्लाई जारी रह सके। ग्राइशेन का कहना है, "हम यह नहीं कह सकते कि जर्मनी में हमारे गैस पावर प्लांट फ्रांस को बिजली निर्यात ना करें, क्योंकि हम नहीं चाहते कि पूरा यूरोपीय बिजली बाजार थम जाए।"
 
जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफन हेबेश्ट्राइट ने यूरोपीय भाईचारे का हवाला दे कर कहा है कि निर्यात जारी रहेगा। हेबेश्ट्राइट का कहना है, "यूरोपीय बिजली बाजार को इसी तरह खड़ा किया गया है और यह सबके लिये बराबर है, अगर हम पतझड़ और सर्दियों के मौसम को देखें तो जो हमारी मदद कर सकेंगे उनके हम भी उनके आभारी होंगे।"
 
ऊर्जा बचाने की कवायद
बुधवार को जर्मन सरकार की कैबिनेट ने ऊर्जा बचाने के लिए कई दिशा निर्देश जारी किये हैं। इनमें निजी स्विमिंग पुलों को गर्म करने पर रोग और सरकारी दफ्तरों को अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस तक ही गर्म करने की सीमा भी शामिल है। दुकानों को अपने दरवाजे सर्दियों में बंद रखने होंगे ताकि ऊष्मा बचाई जाये। इसके साथ ही रात के वक्त विज्ञापनों, दुकानों की लाइटें और सार्वजनिक इमारतों के बाहर की लाइटें भी बंद कर दी जायेंगी। प्राकृतिक गैस बचाने के लिए नीदरलैंड्स, स्पेन, फ्रांस और कई दूसरे देशों ने भी इसी तरह के निर्देश जारी किये हैं।
 
जर्मनी पड़ोसी देशों को बिजली की सप्लाई जारी रख कर अपनी क्षमताओं का परीक्षण भी कर रहा है जिसके नतीजे अगले हफ्ते आयेंगे। इसके जरिये यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि सरकार को अपने तीन बाकी बचे परमाणु बिजली घरों के लाइसेंस आगे बढ़ाने हैं या नहीं। अगर लाइसेंस आगे बढ़ाए गए तो देश में परमाणु बिजली का इस्तेमाल बंद करने की समयसीमा आगे बढ़ जाएगी।
 
ग्राइशेन का कहना है कि सैद्धांतिक रूप से परमाणु बिजली घर अपने ईंधन के साथ थोड़ा और चल सकते हैं यानी जनवरी, फरवरी या मार्च तक लेकिन उसके बाद ज्यादा कुछ नहीं बचेगा।"
एनआर/आरपी (एपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रुश्दी पर हमले के बीच खूब बिक रही है 'शैतानी आयतें', साहित्यकारों का भी मिला साथ