Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चाबहार में दफ्तर खोलेगी भारतीय कंपनी, सर्बानंद सोनोवाल ईरान की 3 दिवसीय यात्रा पर

हमें फॉलो करें चाबहार में दफ्तर खोलेगी भारतीय कंपनी, सर्बानंद सोनोवाल ईरान की 3 दिवसीय यात्रा पर

DW

, मंगलवार, 23 अगस्त 2022 (19:15 IST)
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
 
केंद्र सरकार में मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईरान की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं। उनकी यात्रा के दौरान घोषणा की गई है कि चाबहार बंदरगाह को चलाने वाली भारतीय कंपनी आईपीजीएल अब तेहरान और चाबहार में दफ्तर खोलेगी। चाबहार के शहीद बेहिश्ती बंदरगाह को चलाने वाली कंपनी इंडिया पोर्ट्स एंड ग्लोबल (आईपीजीएल) कंपनी जल्द ही तेहरान और चाबहार में अपने दफ्तर खोलेगी।

उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय दफ्तर खोलने से बंदरगाह के जरिए व्यापार को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। यह घोषणा तेहरान में केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर से मुलाकात के बाद की गई। सोनोवाल ने मुलाकात के दौरान इस प्रांत में व्यापार को कई गुना बढ़ाने में चाबहार की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया।
 
भविष्य की ओर
 
मुलाकात के बाद जारी किए गए एक वक्तव्य में बताया गया कि सोनोवाल का मानना है कि मध्य एशिया और दक्षिण एशिया बल्कि दक्षिण पूर्वी एशिया भी के बीच व्यापार का एक तेज और किफायती जरिया बनने की चाबहार की क्षमता अभी भी अप्रयुक्त है।
 
वक्तव्य के मुताबिक मोखबर ने भी कहा कि चाबहार के विकास से व्यापार और जहाज में माल की लदाई की मात्रा में वृद्धि होगी। आईपीजीएल जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और कांडला पोर्ट ट्रस्ट द्वारा मिलकर बनाई भारत सरकार की एक जॉइंट वेंचर कंपनी है, जो चाबहार के शहीद बेहिश्ती बंदरगाह को चलाती है।
 
भारत सरकार के मुताबिक आईपीजीएल अभी तक चाबहार के जरिए 48 लाख टन से भी ज्यादा माल का व्यापार कर चुकी है। 2020 में भारत ने चाबहार के जरिए ही 75,000 टन गेहूं अफगानिस्तान भेजा था।
 
भारत के सामरिक हित
 
सोनोवाल की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने समुद्र से यात्रा करने वालों की मदद के लिए असीमित यात्राओं के योग्यता प्रमाण पत्र की मान्यता पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के नाविकों की आवाजाही को सुगम बनाना है।
 
चाबहार ईरान का इकलौता समुद्री बंदरगाह है और भारत इसे अपनी सामरिक हितों को पूरा करने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानता है। इसके जरिए भारत पूरी तरह से पाकिस्तान को नजरअंदाज कर अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक के देशों में अपना सामान भेज सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

केजरीवाल 2024 के चुनाव में मोदी को टक्कर देने के लिए कितने तैयार