'द केरला स्टोरी' और बीजेपी: ये रिश्ता क्या कहलाता है?

DW
सोमवार, 8 मई 2023 (17:47 IST)
-चारु कार्तिकेय
 
The Kerala Story: फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के किसी विशेष फिल्म के पीछे अपनी ताकत लगा देने के क्या मायने हैं? 'कश्मीर फाइल्स' (Kashmir Files) के बाद 'द केरला स्टोरी' (The Kerala Story) इस चलन की नई मिसाल बन गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी फिल्म में समर्थन में खड़े हैं।
 
केरल में इस्लामिक स्टेट के असर पर बनी फिल्म 'द केरला स्टोरी' सिनेमाघरों में आ चुकी है और फिल्म व्यापार समीक्षक तरन आदर्श के मुताबिक 3 दिनों में 35 करोड़ रुपए कमा भी चुकी है। कई फिल्म समीक्षकों ने फिल्म को काफी खराब रेटिंग दी है, लेकिन फिल्म को केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारों और बीजेपी के नेताओं का पूरा समर्थन मिल रहा है।
 
फिल्म के समर्थन में उतर आए नेताओं में सबसे आगे खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खड़े हैं। 5 मई को कर्नाटक के बेल्लारी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस फिल्म ने आतंकवाद के नए चेहरे को दिखाया है लेकिन कांग्रेस पार्टी फिल्म को बैन करना चाह रही है और आतंकियों का समर्थन करना चाह रही है।
 
फिल्म को कर्नाटक चुनावों से जोड़ते हुए उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से इस देश की रक्षा नहीं की है। क्या कांग्रेस कर्नाटक को बचा सकती है? मोदी के बाद कई बीजेपी नेता इस फिल्म की तारीफ कर चुके हैं।
 
फिल्म या प्रोपगैंडा?
 
फिल्म में केरल में रहने वाली 3 ऐसी लड़कियों की कहानी दिखाई गई है जिनका जबरदस्ती या धोखे से धर्मांतरण कराकर उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है और फिर उन्हें इस्लामिक स्टेट का हिस्सा भी बना दिया जाता है।
 
जब फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ था तब उसमें फिल्म के निर्माताओं ने दावा किया था कि ऐसा केरल की 32,000 हिंदू और ईसाई महिलाओं के साथ हुआ था। इतनी बड़ी संख्या के दावे पर काफी विवाद हुआ। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर जैसे नेताओं ने भी इस संख्या को भ्रामक बताया।
 
फिल्म के खिलाफ जब विरोध बढ़ गया तो फिल्म के ट्रेलर को बदल दिया गया और उसमें 32,000 की जगह सिर्फ 3 लिख दिया गया। फिल्म समीक्षक शुभ्रा गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार में छपे एक लेख में लिखा है कि इस बदलाव से सब बदल गया और फिल्म के निर्माताओं के दावे पूरी तरह से गलतबयानी साबित हुए।
 
लेकिन फिर भी फिल्म निर्माताओं और बीजेपी के नेताओं का अभियान जारी है। संख्या में संशोधन के बाद फिल्म के निर्माताओं ने एक समाचार एजेंसी के साथ चर्चा में पूछा कि संख्या से क्या फर्क पड़ता है और अगर ऐसा सिर्फ 100 महिलाओं के साथ हुआ होता तो स्थिति क्या कम गंभीर होती?
 
बीजेपी का समर्थन
 
फिल्म को मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री दर्जा दे दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह घोषणा करते हुए कहा कि यह फिल्म यह दिखाती है कि 'लव जिहाद' के जाल में फंस जाने के बाद 'बेटियों की जिंदगी कैसे बर्बाद हो जाती है।
 
दिल्ली में भी बीजेपी ने 'आप' सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए बेंगलुरु में फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया जिसके बाद उन्होंने कहा ये यह आंखें खोलने वाली फिल्म है और इसे सब को देखना चाहिए।
 
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया है कि जो लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं वो पीएफआई और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों के समर्थक हैं। बीजेपी ने इसी तरह का सरकारी समर्थन 2022 में द कश्मीर फाइल्स को भी दिया था। फिल्म को मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा आदि समेत लगभग सभी बीजेपी-शासित राज्यों में टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया था।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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