-वीएस/ओएसजे (AP, AFP, रॉयटर्स)
सीरिया में IS से लड़ रहे अमेरिकी सैनिकों ने तुर्की का एक ड्रोन तब मार गिराया, जब उनके मुताबिक वह बहुत करीब आ गया था। अमेरिकी सेना ने पूर्वोत्तर सीरिया में तुर्की का एक ड्रोन मार गिराया जिसके बारे में उनका कहना है कि यह ड्रोन अमेरिकी सैनिकों के बहुत करीब आ गया था। पेंटागन की ओर से बयान जारी किया गया कि यह ड्रोन 'प्रतिबंधित परिचालन क्षेत्र' में था।
अमेरिका के F-16 लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को पूर्वोत्तर सीरिया में नाटो के अपने सहयोगी देश तुर्की का एक ड्रोन मार गिराया। हालांकि हथियारों से लैस इस ड्रोन ने उस इलाके में अमेरिका सेना को निशाना नहीं बनाया था, लेकिन इसे 'बहुत नजदीक' और 'संभावित खतरा' माना गया।
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अमेरिकी कमांडरों ने आकलन किया कि एक UAV अमेरिकी सैनिकों से आधे किलोमीटर से भी कम दूरी पर था। यह संभावित खतरा था। फिर अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमानों ने आत्मरक्षा में UAV को मार गिराया। UAV मानवरहित हवाई वाहन (Unmanned aerial vehicle) का संक्षिप्त नाम है।
किन हालात में गिराया गया ड्रोन?
अमेरिकी वायुसेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने इसे 'दुखद घटना' बताते हुए कहा कि तुर्की ने पास के ठिकानों पर बमबारी की थी जिसकी वजह से अमेरिकी सैनिकों को बंकर में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। राइडर ने कहा कि सहयोगी देश के हथियारबंद ड्रोन को मार गिराने का फैसला पर्याप्त सोच-समझकर लिया गया था। हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि तुर्की जानबूझकर अमेरिकी सैनिकों को निशाना बना रहा था।
सीरिया में IS से लड़ रहा है अमेरिका
अमेरिका और तुर्की आमतौर पर सीरिया में अपनी-अपनी सेनाओं के हवाई अभियानों को लेकर को-ऑर्डिनेट करते हैं। हालांकि अमेरिकी सैनिक इस क्षेत्र में कथित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से लड़ने के लिए कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं के साथ भी करीब से काम करते हैं।
सीरिया में IS आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने करीब 900 सैनिक भेजे हैं, वहीं तुर्की के रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि गिराया गया ड्रोन तुर्की के सैन्य बलों का नहीं था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह किसका ड्रोन था।
इराक-सीरिया में तुर्की का अभियान
तुर्की की सरकार-संचालित 'अनादोलू एजेंसी' ने बताया कि तुर्की इंटेलिजेंस सर्विस (MIT) ने सीरिया में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) और इससे जुड़े कुर्द मिलिशिया समूह जिसे पीपल्स डिफेंस यूनिट्स (YPG) कहा जाता है, इनके खिलाफ सैन्य अभियान चलाया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि तुर्की ने संदिग्ध हथियारों, गोला-बारूद के डिपो और उन इमारतों पर हमला किया जिनके बारे में माना जाता है कि इनका इस्तेमाल उपरोक्त समूहों द्वारा किया गया है। बाद में तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि उत्तरी सीरिया में इन हमलों ने 30 टारगेटों को नष्ट कर दिया है। इनमें 'शेल्टर, डिपो और भंडार की जगहें' शामिल हैं।
तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ, सभी PKK को आतंकवादी संगठन मानते हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में राजधानी अंकारा में तुर्की के गृह मंत्रालय की इमारत के बाहर एक आत्मघाती हमला हुआ था। इसके बाद बुधवार को तुर्की ने इराक और सीरिया में कुर्द आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया था।(सांकेतिक चित्र)