ट्रंप और राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी बिडेन ने फ्लोरिडा राज्य में रैलियों को आयोजित करके मतदाताओं को आकर्षित करने की भरपूर कोशिश की। फ्लोरिडा चुनाव परिणामों के लिहाज से बहुत संवेदनशील और महत्वपूर्ण है।
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं लेकिन इससे ठीक पहले कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बीते एक दिन में अमेरिका में कोरोना के 90 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इस बीच ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन ने अहम राज्य फ्लोरिडा में रैलियां कीं। दोनों पार्टियों के लिए यह महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। कोरोनावायरस महामारी को लेकर दोनों नेताओं ने अपने अपने तरीके से मतदाताओं को अपने भरोसे में लेने की भरपूर कोशिश की।
फ्लोरिडा के टाम्पा में ट्रंप की रैली में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे, कई लोगों ने तो मास्क भी नहीं लगाए थे। बिडेन ने ट्रंप की रैली को महा प्रसार आयोजन करार दिया। उन्होंने ट्रंप को गैरजिम्मेदार कहा और उन्होंने अमेरिकी आत्मा को ठीक करने की कसम खाई। अपनी रैली में ट्रंप ने कहा कि वे स्वास्थ्य आपातकाल की जल्द समाप्ति करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर वे चुनाव में दोबारा नहीं जीतते हैं तो सत्ता समाजवादियों के नियंत्रण में चली जाएगी।
ट्रंप ने कोरोनावायरस के खतरे को कम करके बताते हुए लोगों से कहा कि अगर वे संक्रमित हो जाते हैं तो वे उनकी तरह ठीक हो जाएंगे। ट्रंप ने साथ ही कहा कि वे दोबारा देश में लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हम दोबारा तालाबंदी नहीं करने वाले हैं। हम कारोबार के लिए खुले हैं। अमेरिका में अब तक कोरोनावायरस से 2,28,000 लोगों की मौत हो चुकी है।
ट्रंप की रैली के कुछ ही घंटे बाद बिडेन ने भी कार रैली की। इस रैली की खास बात यह थी कि लोग मास्क लगाए हुए थे, लोग कार के अंदर या फिर उसके पास ही खड़े थे, हालांकि कई बार देखा गया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। बिडेन ने अपने समर्थकों से कहा कि आपके पास शक्ति है। उन्होंने कहा कि अगर फ्लोरिडा डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ जाता है तो खेल आपका है।
बिडेन ने कहा कि मैं अर्थव्यवस्था को बंद नहीं करूंगा, मैं देश को बंद नहीं करूंगा, मैं वायरस को बंद करूंगा। पूर्व उपराष्ट्रपति ने ट्रंप पर हमला करते हुए कहा कि वे वायरस से ज्यादा प्रसार कर रहे हैं, वे विभाजन और फूट डाल रहे हैं। हमें ऐसा राष्ट्रपति चाहिए, जो सबको साथ लाए न कि एक दूसरे से अलग करे। देश का दिल और आत्मा दांव पर है।
राष्ट्रपति ट्रंप खुद इस महीने की शुरुआत में कोरोनावायरस से संक्रमित थे और उन्होंने बीमारी से उबरने के बाद अपने अभियान को फिर से शुरू किया। उनके प्रचार से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अब तक दस राज्यों का दौरा किया है और अगले दो दिनों में 11 और रैलियां करने की योजना बना रहे हैं।
3 नवंबर को होने वाले चुनाव के पहले ही 8 करोड़ मतदाताओं ने अपने मत डाल दिए हैं। इस बार भारी संख्या में मतदान का एक नया रिकॉर्ड बना सकता है। दूसरी ओर चुनाव के ठीक पहले अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी दर्ज की गई है। अर्थव्यवस्था में बहाली ऐसे वक्त में हुई है, जब देश कोरोनावायरस के गंभीर संकट से घिरा हुआ है। महामारी के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड गिरावट के बाद देश की अर्थव्यवस्था में अब तक का सबसे मजबूत सुधार दर्ज किया गया है। यह तीसरी तिमाही में 33 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। अर्थव्यवस्था में तेजी से ट्रंप उत्साहित हैं।