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टेस्ला क्यों वापस ले रही हैं 20 लाख कारें, क्या है ऑटो पायलट से इसका कनेक्शन?

हमें फॉलो करें टेस्ला क्यों वापस ले रही हैं 20 लाख कारें, क्या है ऑटो पायलट से इसका कनेक्शन?

DW

, शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 (08:11 IST)
अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने लगभग 20 लाख कारें वापस लेने का फैसला किया है। इन कारों में ऑटो पायलट यानी अपने आप कार चलाने वाली तकनीक में सुधार के लिए टेस्ला ने यह कदम उठाया है।
 
वापस ली जाने वाली कारों की टेस्ला की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है, जिसमें देश की सड़कों पर मौजूद लगभग सभी कारें शामिल हैं। इस बारे में कंपनी ने कहा है कि संभव है कि ऑटो पायलट सॉफ्टवेयर सिस्टम "इतने सक्षम नहीं हैं कि ड्राइवरों को गलत इस्तेमाल से रोक सकें" और इससे हादसों का खतरा बढ़ता है।
 
नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने दो साल तक इस मामले की जांच की है कि इलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला की बनाई गाड़ियां इस बात को सुनिश्चित करती हैं या नहीं कि उन्हें चलाते वक्त ड्राइवर पूरा ध्यान दें।
 
सैकड़ों हादसों की जांच
नियामक की कार्यवाहक प्रशासक ऐन कार्स्लसन ने गाड़ियों को वापस लेने पर सहमति के लिए टेस्ला की तारीफ की। अमेरिकी संसद को उन्होंने बताया, "हमने यह पाया कि जब वह (ऑटो पायलट) सिस्टम ऑन होता है तो ड्राइवर हमेशा (ड्राइविंग पर) पूरा ध्यान नहीं देते।”
 
कार्लसन ने कहा कि एजेंसी ने 2021 में यह जांच शुरू की थी जब ऑटो पायलट पर चलती गाड़ियों के हादसों के बहुत मामले सामने आ रहे थे। उस दौरान कम से कम एक दर्जन हादसे एक के बाद हुए थे। कार्लसन ने कहा, "मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि हमें इसके बारे में कुछ करना होगा।”
 
एनएचटीएसए का कहना है कि उसने 956 ऐसे हादसों की जांच की है जिनमें ऑटो पायलट सिस्टम को जिम्मेदार बताया गया था। उनमें से 322 ऐसे मामलों पर ध्यान दिया गया जिनमें ऑटो पायलट सिस्टम शामिल था।
 
इस फैसले का असर अन्य देशों में भी हो रहा है। ट्रांसपोर्ट कनाडा ने भी कहा है कि ऑटो पायलट के मामले को लेकर टेस्ला 1,93,000 कारें वापस लेगी। अभी चीन ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
 
क्या है टेस्ला का ऑटो पायलट?
ऑटो पायलट कार को अपने आप चलाने वाली तकनीक है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि ड्राइवर को कार चलाने के लिए कुछ करना नहीं पड़ता। टेस्ला का सिस्टम सिर्फ स्टीयरिंग व्हील को अपने आप चलाता है और कार को लेन के भीतर रखता है। इसके अलावा वह हाईवे पर लेन बदलने में भी मदद कर सकता है।
 
ऑटो पायलट का जो सिस्टम स्टीयरिंग व्हील को चलाता है, वह एक स्पीड बनाकर रख सकता है और गाड़ी को लेन से बाहर नहीं जाने देता। ऐसे कई मामले सामने आए जबकि लोग गाड़ी को ऑटो पायलट पर डालकर आराम से कार में लेट गए। कई विशेषज्ञों ने इसे खतरनाक बताया।
 
टेस्ला का कहना है कि वह एनएचटीएसए के विश्लेषण से सहमत नहीं है। हालांकि फिर भी उसने कारें वापस लेकर सॉफ्टवेयर में बदलाव का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि वह एक ऐसा सॉफ्टवेयर अपडेट करेगी जो ”मौजूदा सिस्टम में अतिरिक्त कंट्रोल और अलर्ट” करने वाले तरीके जोड़ेगा और ड्राइवर को उसकी जिम्मेदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा।
 
सॉफ्टवेयर में बदलाव कितना कारगर
कई विशेषज्ञ सिर्फ सॉफ्टवेयर में बदलाव को नाकाफी मानते हैं। साउथ कैरोलाइना लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ब्रायंट वॉकर स्मिथ कहते हैं, "सिर्फ सॉफ्टवेयर में बदलाव से समस्या का सीमित समाधान होगा। कारें वापस लेने का फैसला दरअसल जिम्मेदारी इंसानों पर डालता है ना कि उस सिस्टम पर जो गलत इस्तेमाल की सुविधा देता है।”
 
अमेरिकी सेनेटर एड मार्की और रिचर्ड ब्लूमेंथल का कहना है कि कारों को वापस लेने का फैसला उन्हें "और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए बहुत जरूरी है लेकिन यह बहुत समय पहले हो जाना चाहिए था।” दोनों सांसदों ने कहा, "हम एनएचटीएसए से अपील करते हैं कि अपनी जांच जारी रखे और टेस्ला से अनुरोध है कि ड्राइवरों को गुमराह ना करे और जनता का बड़े खतरे में ना डाले।”
 
एनएचटीएसए का कहना है कि उसकी जांच जारी रहेगी और टेस्ला द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले उपायों की निगरानी की जाएगी।
 
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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