Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

यूएन ने कहा, महामारी का फायदा उठाकर आतंकवादी अपना दायरा बढ़ा रहे हैं

हमें फॉलो करें यूएन ने कहा, महामारी का फायदा उठाकर आतंकवादी अपना दायरा बढ़ा रहे हैं

DW

, शनिवार, 21 नवंबर 2020 (11:15 IST)
यूएन की एजेंसी ने 'स्टॉप द वायरस डिसइंफॉर्मेशन' शीर्षक एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बताया गया है कि आतंकवादी और अपराधी तत्व कोविड-19 महामारी का फायदा अपना जाल फैलाने के लिए कर रहे हैं।
 
संयुक्त राष्ट्र अंतरक्षेत्रीय अपराध और न्याय शोध संस्थान (यूएनआईसीआरआई) ने एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसका नाम 'वायरस को लेकर गलत जानकारियों को रोकना: कोविड-19 महामारी के दौरान आतंकवादियों, हिंसक चरमपंथियों और आपराधिक समूहों द्वारा सोशल मीडिया का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल' है। यह रिपोर्ट बताती है कि आतंकवादी और चरमपंथी समूह सोशल मीडिया पर ऐसी साजिशी कहानियां भी फैल रहे हैं जिनमें वायरस को हथियार बनाया जा रहा है और सरकारों में भरोसे को कमजोर किया जा रहा है।
अल कायदा और आईएसआईएस से जुड़े समूह कोविड-19 महामारी का फायदा उठा रहे हैं और मनगढ़ंत कहानियां फैला रहे हैं कि 'ईश्वर को नहीं मानने वाले' को वायरस सजा दे रहा है और यह 'पश्चिम पर टूटा खुदा का कहर है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों को इसको जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उकसाया जा रहा है।
 
रिपोर्ट में यूएनआईसीआरआई की निदेशक एंटोनिया मैरी डि मेयो लिखती हैं, 'यह देखना चिंताजनक है कि कुछ आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी गुटों ने सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने का प्रयास किया है ताकि संभावित आतंकवादियों को, कोविड-19 का संक्रमण फैलाने के लिए उकसाया जा सके और इसे एक कामचलाऊ जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।'
 
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकवाद भड़काने, कट्टरपंथी बनने वाले आतंकवादियों को हमले करने के लिए प्रोत्साहित करने में किया जा सकता है। रिपोर्ट में ऐसे मामलों का जिक्र किया गया है जिनमें दक्षिणपंथी चरमपंथी गुटों ने खुलेतौर पर अपने समर्थकों से स्थानीय अल्पसंख्यकों खासतौर पर अल्पसंख्यक समूहों को वायरस से संक्रमित करने के लिए कहा।
 
आतंकवाद से जुड़ा ऐसा ही एक मामला टिमोथी विलसन का है जिसने अमेरिका के कंसास शहर में कोरोनावायरस का इलाज कर रहे एक अस्पताल में बम फोड़ने की साजिश की थी। मार्च 2020 में एफबीआई के साथ एक मुठभेड़ में टिमोथी विलसन की मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक टिमोथी विलसन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर 2 नव नाजी चैनलों पर सक्रिय था और उसका आखिरी ऑनलाइन संदेश कोविड-19 के स्रोत के बारे में यहूदी विरोधी था।
 
एए/सीके (एएफपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इमरान ख़ान अफ़ग़ानिस्तान को क्या भारत से दूर ले जा रहे हैं?