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तय सीमा से अधिक मात्रा में नमक का इस्तेमाल कर रहे भारतीय

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, बुधवार, 27 सितम्बर 2023 (07:49 IST)
आमिर अंसारी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में लोग हर दिन डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मात्रा से अधिक नमक का सेवन कर रहे हैं। सभी श्रेणियों के लोग पांच ग्राम के बजाय आठ ग्राम नमक का सेवन कर रहे हैं।
 
नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया कि नमक का सेवन पुरुषों में (8।9 ग्राम), नौकरीपेशा लोगों में (8।6 ग्राम) और तंबाकू इस्तेमाल करने वाले लोगों (8।3 ग्राम) में अधिक था। मोटे व्यक्तियों (9।2 ग्राम) और उच्च रक्तचाप (8।5 ग्राम) वाले लोगों में भी खपत औसत से अधिक थी।
 
यह शोध व्यवहार में बदलाव के लिए बहुत अधिक नमक खाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पर जोर देता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक और आईसीएमआर-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के निदेशक डॉ। प्रशांत माथुर ने कहा, "हमें प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और घर से बाहर पकाए गए खाद्य पदार्थ खाने में कटौती करने की जरूरत है।"
 
विशेषज्ञों का कहना है कि हर रोज इस्तेमाल होने वाले नमक का अधिकांश सेवन अत्यधिक प्रोसेस्ड, पैकेज्ड फूड पदार्थों से आता है। यहां तक कि घर में बने खाद्य पदार्थों, करी और कुछ विशेष तैयारियों में भी बहुत अधिक नमक होता है, जैसे तले हुए स्नैक्स, अचार, पापड़ और चटनी भी इनमें शामिल हैं।
 
आईसीएमआर के शोध में कहा गया है कि वयस्कों के लिए दैनिक नमक का सेवन पांच ग्राम तक सीमित करना उच्च रक्तचाप को 25 प्रतिशत तक कम करने का एक फायदेमंद तरीका हो सकता है
 
नमक के सेवन में कटौती है जरूरी
डॉक्टरों का कहना है कि वर्षों तक अधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि दैनिक नमक का सेवन जितना अधिक होगा, सिस्टोलिक रक्तचाप उतना ही अधिक होगा, हृदय गति भी अधिक होगी।
 
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमआर) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ। राजेश विजयवर्गीय ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "आहार में सोडियम/नमक का सेवन कम करने से न केवल रक्तचाप कम हो सकता है, बल्कि हृदय संबंधी बीमारी और मृत्यु दर, दिल के दौरे, स्ट्रोक और गुर्दे की क्षति भी कम हो सकती है।"
 
आईसीएमआर के शोध में कहा गया है कि वयस्कों के लिए दैनिक नमक का सेवन पांच ग्राम तक सीमित करना उच्च रक्तचाप को 25 प्रतिशत तक कम करने का एक फायदेमंद और लागत बचाने वाला तरीका है। शोध 2025 तक औसत जनसंख्या में नमक के सेवन में 30 प्रतिशत की कमी की वकालत करता है।
 
जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन
उच्च रक्तचाप पर डब्ल्यूएचओ द्वारा हाल ही में किए गए एक वैश्विक अध्ययन में वास्तव में भारत में नमक की खपत 10 ग्राम से अधिक बताई गई है और उसमें कहा गया है कि देश में हृदय संबंधी होने वाली आधी से अधिक मौतें उच्च रक्तचाप के कारण होती हैं।
 
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत उच्च रक्तचाप की बीमारी पर नियंत्रण पाकर 2040 तक 46 लाख मौतों को रोक सकता है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 30-79 वर्ष की आयु के अनुमानित 18।83 करोड़ वयस्क हाई बीपी से पीड़ित हैं।
 
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सरकारों को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिनसे खाने में नमक की मात्रा कम हो सके और लोगों को ऐसी जानकारी दी जाए जिससे वो अपने खान पान को लेकर सही फैसले ले सकें। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा की खाने-पीने की चीजें बनाने वाली कंपनियों को भी प्रोसेस्ड चीजों में सोडियम का स्तर कम करने की जरूरत है।

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