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अगले 100 साल में 77 प्रतिशत कम हो जाएगी दक्षिण कोरिया की आबादी

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DW

, शनिवार, 25 दिसंबर 2021 (15:17 IST)
रिपोर्ट : जूलियान रायल, टोकियो से
 
दक्षिण कोरिया की आबादी तेजी से कम हो रही है। आर्थिक प्रोत्साहन के बावजूद यहां के लोग कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। आखिर इसकी वजह क्या है? दक्षिण कोरिया दशकों से घटती आबादी से जूझ रहा है। एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में दिसंबर में सरकारी आंकड़ा जारी हुआ है। इस आंकड़े से पता चलता है कि लगातार कम होती आबादी से निपटने के लिए किए गए सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं।
 
दक्षिण कोरिया के सांख्यिकी विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश की जनसंख्या 2021 के अंत तक 0.18 प्रतिशत कम होकर कुल 5.2 करोड़ रह जाएगी। सांख्यिकी और जनगणना से जुड़े सरकारी विभाग ने सबसे खराब स्थिति का भी मूल्यांकन किया है। इसके मुताबिक, 2120 तक देश की कुल आबादी कम होकर 1.2 करोड़ हो जाएगी। आज की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हो जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें, तो अगले 100 साल में दक्षिण कोरिया की आबादी 77 प्रतिशत कम हो जाएगी।
 
इसके अलावा, सरकारी विभाग ने अनुमान लगाया है कि देश की मौजूदा आबादी की औसत उम्र फिलहाल 43 साल है। 2070 तक यह औसत उम्र 62 साल हो जाएगी।
 
जनसंख्या में गिरावट की चुनौतियों से लंबे समय से जूझ रहे दक्षिण कोरिया के लिए ये आंकड़े आश्चर्य की बात नहीं हैं। बढ़ती औसत उम्र और घटती जन्मदर की वजह से, देश की कामकाजी आबादी कम होती है और यह परेशानी का बड़ा कारण बन सकता है। इससे देश को स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में काफी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। साथ ही, देश की आय में भी गिरावट होती है।
 
सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए काफी ज्यादा प्रयास कर रही है। इसके लिए, 2020 तक कुल 225 ट्रिलियन डॉलर खर्च किया जा चुका है। लोगों को एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आर्थिक रूप से मदद की जा रही है। हालांकि, अब तक इस प्रोत्साहन का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है।
 
परिवारों पर भारी दबाव
 
टोकियो की इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ओहे हे-ग्योंग कहती हैं कि यह आज की समस्या नहीं है। देश लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहा है। मुझे लगता है कि हाल के वर्षों में चीजें बदतर हो गई हैं। कुछ हद तक, महामारी की वजह से भी ऐसा हुआ है।
 
ग्योंग ने डॉयचे वेले को बताया कि यह एक संरचनात्मक मुद्दा है। कई वर्षों से कोरियाई समाज इससे प्रभावित है। इसके कई कारण हैं। मुझे लगता है कि 'शिक्षा से जुड़े जुनून' की वजह से सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे हर हाल में सफल हों। जनसंख्या में लगातार हो रही कमी के पीछे यह एक बड़ा कारण है।
 
उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया तेजी से विकसित हुआ है। आर्थिक विकास की वजह से आज के स्कूली बच्चों के लिए ऐसे अवसर पैदा हुए हैं जिनके बारे में उनके दादा-दादी के समय कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, क्योंकि 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद राष्ट्र का पुनर्निर्माण हुआ था। ऐसे में यह धारणा काफी मजबूत हुई है कि बेहतर शिक्षा से ही बच्चों को भविष्य में नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकते हैं और उनकी जिंदगी खुशहाल हो सकती है।
 
ग्योंग आगे बताती हैं कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को 'बेहतर शिक्षा' देना चाहते हैं। इसके लिए वे अपनी कुल आय का 50 प्रतिशत तक शिक्षा पर खर्च करते हैं। यह परिवारों पर बड़ा बोझ है। इसका मतलब यह भी है कि अधिकांश जोड़े केवल एक बच्चा पैदा कर सकते हैं।
 
सोल नेशनल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री पार्क सेंग-इन कहते हैं कि अगर कोई युवा स्कूल या विश्वविद्यालय छोड़ देता है, तो उसके ऊपर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है। यह कोरिया के कॉर्पोरेट वर्ल्ड और समाज के भीतर का संरचनात्मक मुद्दा है।
 
वह कहते हैं कि आज की युवा पीढ़ी को सुरक्षित और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी ढूंढ़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि शीर्ष कंपनियों में सुरक्षित पदों पर काम करने वाले लोग भी वहां करीब 45 साल की उम्र तक काम करते हैं। इसके बाद उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वे इस नौकरी को छोड़कर अपना खुद का काम शुरू करें।
 
युवाओं के बीच असुरक्षा की भावना
 
इसी तरह, 20 से 30 साल के ऐसे युवा जो सुरक्षित और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी नहीं ढूंढ पाते हैं, उन्हें कम सुरक्षा वाली पार्ट-टाइम नौकरी करने के लिए मजबूर किया जाता है। सेंग-इन कहते हैं कि इससे अनिश्चितता की भावना बढ़ती है। इसका असर परिवार शुरू करने जैसी भविष्य की योजनाओं पर भी पड़ता है।
 
जनसंख्या कम होने के पीछे की एक वजह यह भी है कि अब महिलाएं काफी ज्यादा उम्र में बच्चे पैदा कर रही हैं। कुछ महिलाएं बेहतर पढ़ाई करने और अपना करियर संवारने के लिए, बच्चा न पैदा करने का भी फैसला ले रही हैं।
 
सोल मेट्रोपॉलिटन सरकार की तरफ से 16 दिसंबर को जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि शहर में होने वाली शादियों की संख्या पिछले 20 वर्षों में 43% कम हो गई है। वर्ष 2000 में कुल 78,745 शादियां हुई थीं, जो पिछले साल 2020 में कम होकर 44,746 पर सिमट गईं। 2020 में शादी की औसत उम्र 33 साल थी। वहीं, इससे 2  दशक पहले यह औसत उम्र 29 साल थी।
 
दक्षिण कोरिया में जन्मदर दुनिया में सबसे कम है। यह दर प्रति महिला महज 0.8 बच्चा है जबकि जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए किसी भी देश में जन्मदर प्रति महिला 2.1 बच्चे की होनी चाहिए।
 
सेंग-इन ने डीडब्ल्यू को बताया कि ऐसी संभावना बनती दिख रही है कि भविष्य की सरकार कर्मचारियों के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा सकती है। इससे पेंशन पर होने वाले खर्चे में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर ग्योंग घटती आबादी को 'बंटते हुए समाज' के तौर पर देखती हैं। उनका मानना है कि ऐसे समाज में लोगों के पास शिक्षा और खुशहाल भविष्य पर खर्च करने के लिए कम पैसे होंगे।

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