सरकार ने घोषणा की है कि रविवार, 22 मार्च से 1 सप्ताह तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान को भारत में उतरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। पंजाब में सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
भारत में अब कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं और गंभीर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण के कुल मामले 173 हो चुके हैं लेकिन मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि संख्या 190 पार कर चुकी है। संक्रमण से मरने वालों की संख्या 4 हो चुकी है। चौथी मृत्यु पंजाब में हुई। मृतक की उम्र 70 वर्ष थी और वह हाल ही में जर्मनी से पंजाब में अपने घर वापस लौटा था।
सरकार ने घोषणा की है कि रविवार 22 मार्च से 1 सप्ताह तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान को भारत में उतरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार ने अधिसूचना जारी कर के राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे घर से बाहर न निकलें।
लोगों को गैरजरूरी यात्रा करने से रोकने के लिए यातायात के साधनों पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। रेल और उड़ानों में छात्रों, मरीज और दिव्यांगों के अलावा बाकी सभी तरह की रियायती सुविधाओं को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली मेट्रो जैसी संस्थाओं ने खुद ही लोगों से अपील की है कि यात्रा तभी करें, जब वो अतिआवश्यक हो और उसे टालना संभव न हो।
पंजाब में सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से बंद
राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए उनके कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत देना अनिवार्य करने की कोशिश करें। केंद्र सरकार में बी और सी ग्रुप के कर्मचारियों को 1-1 हफ्ता छोड़कर दफ्तर आने को कहा गया है। अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि इन कर्मचारियों के अलग-अलग समय पर दफ्तर आने की भी व्यवस्था की जाए।
स्थिति की गंभीरता पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधे घंटे तक राष्ट्र को संबोधित किया। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई चुनौती कोई आम चुनौती नहीं है और देश को आने वाले वक्त की चुनौती से जूझने के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने देश की जनता से रविवार, 22 मार्च को सुबह 7 से रात के 9 बजे तक 1 दिन के 'जनता कर्फ्यू' का पालन करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है, जो इन प्रभावों की समीक्षा करेगा और वित्तीय तनाव को कम करने के कदम सुझाएगा।