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खशोगी की मंगेतर बोली, मौत की सजा देने से हत्या का सच सामने नहीं आ पाएगा

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, बुधवार, 25 दिसंबर 2019 (18:11 IST)
सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में 5 लोगों को मौत की सजा देने पर उनकी मंगेतर ने कहा है कि सच छिपाया जा रहा है। हतीचे चेंगीज ने अदालती सुनवाई पर भी सवाल खड़े किए हैं। हतीचे चेंगीज ने 5 लोगों को मौत की सजा सुनाए जाने को अनुचित और अमान्य करार दिया है।

तुर्की के शहर इस्तांबुल में सऊदी कंसुलेट के भीतर जमाल खशोगी की हत्या हुई थी। इस मामले में रियाद की अदालत ने 5 लोगों को मौत की सजा दी है। जमाल खशोगी की मंगेतर हतीचे चेंगीज ने 5 लोगों को मौत की सजा सुनाए जाने को अनुचित और अमान्य करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इन लोगों को मौत की सजा हो जाने से सच दुनिया के सामने नहीं आ पाएगा।

अमेरिका में रहने वाले खशोगी अपनी शादी से पहले 2 अक्टूबर 2018 को सऊदी अरब के कंसुलेट में कुछ कागजी कार्रवाई के इरादे से वहां पहुंचे थे, लेकिन वहां उनकी हत्या कर दी गई थी। रियाद की अपराध अदालत ने सोमवार को एक साल चली लंबी सुनवाई के बाद 5 लोगों को मौत की सजा सुनाई है।
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हालांकि इस मामले की सुनवाई की गोपनीयता को लेकर कड़ी आलोचना भी हो रही है। समाचार एजेंसी डीपीए से हतीचे ने कहा, सुनवाई बंद दरवाजों के पीछे हुई है। हत्या का आदेश किसने दिया? आरोपियों को खुले तौर पर बोलने क्यों नहीं दिया गया। इस फैसले के पीछे कोई तर्क नहीं है और न ही कोई स्पष्टीकरण है।

खशोगी की जब सऊदी अरब के कंसुलेट में हत्या की गई थी तब हतीचे बाहर ही उनका इंतजार कर रही थीं। इस हत्या की दुनियाभर में निंदा हुई थी और साथ ही सऊदी क्राउन प्रिंस पर ऊंगली उठी। खशोगी निर्वासन में अमेरिका में रह रहे थे और वे सऊदी अरब की राजशाही के आलोचक माने जाते थे।

हतीचे के मुताबिक, अगर इन लोगों को बोलने या स्पष्टीकरण का मौका दिए बिना मौत की सजा हो जाती है तो सच सामाने नहीं आ पाएगा। हम इस हत्या के पीछे की असली वजह ही नहीं जान पाएंगे। मैं दुनिया की हर सरकार से आग्रह करूंगी की कि इस तरह के कोर्ट के फैसले की निंदा करें और मौत की सजा होने से तत्काल रोकें।

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नियुक्त एक स्वतंत्र मानवाधिकार जांचकर्ता एग्नेस कैलामार्ड ने इस सुनवाई को मजाक बताते हुए कहा है कि इससे हत्या के मास्टरमाइंड का पता नहीं चलता है या फिर उनके बारे में, जिन्होंने हत्या के लिए उकसाया है। यूरोपीय संघ ने भी अदालत के फैसले की निंदा की है। संघ ने एक बयान में कहा, यूरोपीय संघ स्पष्टता के साथ हमेशा मृत्युदंड के खिलाफ रहा है। दोषियों को मौत की सजा देना क्रूर और अमानवीय है।

संघ ने जोर दिया है कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जो लोग हत्या में शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यूरोपीय संघ का कहना है कि यह प्रक्रिया सिद्धांतों, पारदर्शिता और कानूनी कार्यवाही के सम्मान के साथ-साथ उचित समय में होनी चाहिए।
- एए/एके (डीपीए)

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