जर्मनी में कोरोनावायरस की चपेट में आ कर एक दिन में मरने वालों की संख्या बुधवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। बुधवार से ही देश भर में सख्त तालाबंदी शुरू की गई है। कोरोनावायरस के संक्रमण की निगरानी और उसके प्रसार को रोकने के लिए नीतियां बनाने वाले रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ऑफ डिजीज कंट्रोल सेंटर के मुताबिक बुधवार से पहले के 24 घंटे में कुल 952 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही अब तक कोरोनावायरस से मरने वालों की कुल संख्या 27,728 हो गई है।
बीते कुछ हफ्तों से जर्मनी में वायरस का प्रसार बहुत तेजी से हुआ है। इसे रोकने के लिए नवंबर के महीने में लगाई गई आंशिक तालाबंदी लगभग नाकाम साबित हुई। बीते शुक्रवार 29000 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए और उसके बाद से ही देश में तालाबंदी को सख्त बनाने का फैसला लिया गया जो बुधवार से लागू हो गया।
सख्त तालाबंदी
बीमारी के नियंत्रण से बाहर होने की आशंकाएं मजबूत होते देख गैरजरूरी दुकानों को बंद करने का फैसला किया गया है जबकि स्कूली बच्चों की पढ़ाई भी अब ऑनलाइन होगी। ऐन क्रिसमस के मौके पर शुरू हुई तालाबंदी से कारोबारियों में काफी निराशा है लेकिन सरकार के पास फिलहाल और कोई तरीका भी नहीं है। तालाबंदी के पहले दिन बुधवार को सड़कों पर मोटरगाड़ियों की संख्या में कोई खास कमी नहीं देखी गई। इससे पहले मई में जब लॉकडाउन हुआ था तब सड़कें पूरी तरह सूनी हो गई थीं। बार, रेस्तरां, स्वीमिंग पूल, जिम और क्लब पहले से ही बंद हैं। क्रिसमस की खरीदारी पर इस तालाबंदी का सबसे ज्यादा असर पड़ने की बात कही जा रही है।
कोरोना से लड़ने में बाकी यूरोपीय देशों की तुलना में जर्मनी को ज्यादा सफल कहा जा रहा था। यहां संक्रमित लोगों में मौत की दर भी दूसरे देशों से काफी कम रही। हालांकि नवंबर और दिसंबर में हालात तेजी से बिगड़े हैं। चांसलर मैर्केल ने बुधवार को कहा कि वो कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर चिंता में हैं। उन्होंने अगले साल के जनवरी और फरवरी महीने के कठिन समय होने के चेतावनी दी है। एक तरफ मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ अस्पतालों के आईसीयू में खाली जगह कम होती जा रही है।
वैक्सीन का क्या हुआ
इस बीच यूरोप में वैक्सीन लगाना शुरू करने की कोशिशें भी अपने अंजाम पर पहुंचती दिख रही हैं। यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष मार्गारितिस चिनास का कहना है कि कोविड-19 को रोकने के लिए वैक्सीन इस साल क्रिसमस का तोहफा होगा। इससे एक दिन पहले यूरोपीयन मेडिकल एजेंसी ने कहा था कि वह फाइजर बायोन्टेक वैक्सीन के लिए 21 दिसंबर को मंजूरी के लिए प्रस्ताव लाएगी।
ईएमए से मंजूरी मिलने के बाद यूरोपीय आयोग अगले कुछ दिनों में इसे व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए 'सुपरसॉनिक स्पीड' पर काम करेगा। लोगों को यह बात हैरान कर रही है कि जर्मन कंपनी के वैक्सीन बनाने के बावजूद जर्मनी में ही अब तक इसे शुरू नहीं किया गया।
दरअसल सभी यूरोपीय देशों को एक साथ और एक ही वैक्सीन मिले इसके लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। जर्मन स्वास्थय मंत्री का कहना है कि मंजूरी मिलने के 24 से 72 घंटे के बीच देश में वैक्सीन लगाने की शुरूआत हो जाएगी। इस बात के पूरे आसार हैं कि 26 दिसंबर से यूरोपीय संघ के सभी देशों में वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ब्रिटेन और अमेरिका इसे पहले ही शुरू कर चुके हैं।
एनआर/ओएसजे (एफपी, रॉयटर्स, एपी)