एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार तमाम राज्यों में दुर्बल आय वर्ग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाए जाने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 77 फीसदी आवास बनाए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के लिहाज से यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका सीधा फायदा गरीबों और पिछड़ों को मिलेगा। प्रदेश के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेन्द्र सिंह ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश भर में इस योजना को 34% लागू किया जा सका है। उत्तर प्रदेश 85% के साथ पहले नंबर पर है, तो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश 47 और 45 फीसदी के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी आईएनएस से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हर व्यक्ति को छत देने का संकल्प लेकर चल रहे हैं और इसी के तहत देश के हर राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब लोगों के लिए आवास बनाए जा रहे हैं।
त्रिपाठी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूरे देश में 95 लाख 41 हजार 815 प्रधानमंत्री आवास बनाए जाने थे। इनमें से 9 लाख 71 हजार 852 आवास उत्तर प्रदेश में बनाए जाने थे। लक्ष्य का 77 फीसदी काम पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश में अब तक 7 लाख 46 हजार 733 आवास तैयार हो चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। पूरे देश की बात करें तो उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जहां 77 फीसदी आवास तैयार हो चुके हैं। त्रिपाठी ने कहा कि निर्धन और बेघर लोगों की मदद की दिशा में यह एक बड़ी कामयाबी है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन करने, किस्तें जारी करने और आवास के लिए जमीन का आवंटन करने में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। इन कामों में उत्तर प्रदेश की प्रगति 84.12 प्रतिशत रही है, जो सबसे ज्यादा है।
त्रिपाठी ने कहा, "प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम का यह प्रयास साधुवाद के योग्य है।" उन्होंने यह भी कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने वक्त पर इस योजना की गहनता से समीक्षा की और लापरवाही पाए जाने पर विभाग के एक दर्जन से ज्यादा अफसरों को निलंबित भी किया।