यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान की हर चीज को शानदार बताने वाले कई पश्चिमी टूरिस्ट हैं। ये पाकिस्तान सरकार की मदद से ऐसा प्रचार कर रहे हैं। खांटी घुम्मकड़ों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आम लोग इनके बहकावे में न आएं।
मार्क विन्स अलग-अलग देशों के भोजन और यात्रा अनुभवों को यूट्यूब पर डालते हैं। यूट्यूब पर उनके 40 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। मार्क विन्स को पाकिस्तान सरकार ने न्योता दिया। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई और पाकिस्तान घूमने का मौका दिया। मार्क ने भी मौके का फायदा उठाया। अंत में उन्होंने पाकिस्तान के अनुभवों को लेकर एक वीडियो यूट्यूब पर डाला। वीडियो में मार्क ने कहा कि पाकिस्तान, यह जिंदगी का एक यादगार सफर था।
पोलैंड की ब्लॉगर इवा जु बेक अपने फॉलोअरों से कहती हैं कि पाकिस्तान दुनियाभर के सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगह बन सकता है। कनाडा की सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रोजी ग्रैबियल कहती हैं कि वे पाकिस्तान के बारे में सच्चाई सामने लाना चाहती हैं।
सोशल मीडिया और इंटरनेट जगत में कई ऐसे लोग हैं जिनके फॉलोरों या सब्सक्राइबरों की संख्या लाखों में है। इस संख्या की बदौलत ये लोग अपना नजरिया फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इंटरनेट युग में ऐसे लोगों को इंफ्लुएंसर कहा जाता है। कंपनियां, सरकारें और राजनेता भी अब इन इंफ्लुएंसरों के जरिए अपना प्रचार कर रहे हैं। टीवी के विज्ञापनों में जो काम फिल्मी स्टार या खिलाड़ी किया करते थे, वही काम अब सोशल मीडिया पर इंफ्लुएंसर कर रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इन्हीं इंफ्लुएंसरों की मदद से देश की छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकवाद और मजहबी ताकतों के लिए बदनाम पाकिस्तान को वह टूरिज्म मैप पर चमकाने की कोशिश में लगे हैं। टूरिज्म के जरिए पैसा जुटाने की कोशिश भी है।
यही वजह है कि पाकिस्तान के अधिकारी इंफ्लुएंसरों की मदद कर रहे हैं। 27 साल की पोलिश ब्लॉगर जू बेक का वीडियो क्लिप पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी शेयर किया। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस और उसकी सहयोगी एयरलाइन कंपनियां भी उनकी कहानी दिखा रही हैं। मार्क विन्स ने अपने वीडियो में पाकिस्तान ट्रैवल मार्ट का आभार जताया।
मोटरसाइकल से 3,500 किलोमीटर का सफर करने वाली रोजी ग्रैबिएला कहती हैं कि उनकी ट्रिप ओमान की एक पाकिस्तानी एसोसिएशन ने स्पॉन्सर की थी। इंफ्लुएंसरों की ऐसी ट्रिप प्लान करने वाले पाकिस्तान मार्ट के सीईओ अली हमदानी कहते हैं कि लोग उन पर भरोसा करते हैं। उनके अनुभवों को असली समझा जाता है।
लेकिन कई पाकिस्तानी और प्रतिष्ठित विदेशी घुम्मकड़ ऐसे इंफ्लुएंसरों के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर हो रहा ये प्रचार पाकिस्तान की सही और सच्ची तस्वीर पेश नहीं करता। यह बात सही है कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमले कम हुए हैं लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है।
टूरिज्म का ढांचा अभी भी काफी कमजोर है। सैलानियों को कुछ ही जगहों पर जाने की इजाजत है। विदेशी सैलानियों को अकसर परेशान किया जाता है। 51 साल की जून ब्रिटेन की हैं। वे पश्चिमोत्तर पाकिस्तान की स्वात घाटी में घूम रही थीं। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। जून कहती हैं, 'पाकिस्तान में सब कुछ शानदार है, ये कहना बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है।'
इंफ्लुएंसरों की बातों में ऐसी कई मुश्किलों की भनक भी नहीं लगती। इस्लामाबाद में पर्यटन सम्मेलन में हिस्सा ले चुकीं जारा जमान कहती हैं कि ये सारे सैलानी हमेशा क्रू सदस्यों के साथ घूमते हैं और ताकतवर लोग उनकी रक्षा करते हैं।
मार्क विन्स के मामले में ही पाकिस्तान मार्ट के सीईओ अली हमदानी ने ड्राइवर और सहयोगी की भूमिका निभाई। हमदानी ने ही उन्हें पाकिस्तान अपने नजरिए से समझाया। इंटेलिजेंस एजेंसी के आशीर्वाद से चुनिंदा सैलानी सही-सलामत बलूचिस्तान या संकटग्रस्त इलाकों में घूम पाते हैं।
5 बार पाकिस्तान जा चुकी अलेक्जांड्रा रेनॉल्ड्स चेतावनी देते हुए कहती हैं कि यह असली अनुभव नहीं है। वे कहती हैं कि इंफ्लुएंसरों के अनुभवों के चलते कम अनुभवी सैलानी पाकिस्तान जा सकते हैं और मुश्किल में पड़ सकते हैं। 27 साल की अलेक्जांड्रा को लगता है कि ऐसे वक्त में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि इतनी कमजोर है, इतना बड़ा जोखिम उठाना ठीक नहीं। पुलिस अधिकारी की बदसलूकी का सामना एक अमेरिकी युवती ने भी किया।
30 साल के सेबास्टियान को सितंबर 2018 में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने 14 घंटे तक हिरासत में रखा। उस पर जासूसी करने का शक जताया। जारा जमान इसे पहचान के संकट से भी जोड़कर देखती हैं कि मुझे इस बात पर गुस्सा आता है कि गोरे लोग हमारा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम अब भी साम्राज्यवादी अतीत बीतने के बाद भी उसकी सोच से बाहर नहीं निकले हैं।
पर्यटन सम्मेलन के दौरान खुद प्रधानमंत्री इमरान खान पश्चिमी ब्लॉगरों और इंफ्लुएंसरों से मिले। उनके साथ हंसते हुए तस्वीरें खिंचवाईं। इस कवायद में ब्लॉगरों और इंफ्लुएंसरों का स्वार्थ भी है। पाकिस्तान में उन्हें बड़ी संख्या में फॉलोअर मिल जाते हैं। जू बेक कहती हैं कि मेरा पेशा पाकिस्तान से मुहब्बत करना नहीं है। मेरा काम कंटेंट बनाना है लेकिन मैं पाकिस्तान से प्यार करती हूं।