Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत के पशु कम दूध क्यों देते हैं?

हमें फॉलो करें भारत के पशु कम दूध क्यों देते हैं?
, बुधवार, 26 दिसंबर 2018 (12:23 IST)
कुल दूध उत्पादन में भारत का दुनिया में पहला स्थान है लेकिन प्रति पशु उत्पादन में देश सबसे पीछे है. अब कुछ कंपनियां किसानों को जागरुक कर उनके प्रति पशु दूध उत्पादन स्तर को बढ़ाने में मदद कर रही हैं।
 
 
पूरे विश्व में भारत दूध उत्पादन में तो सबसे आगे है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन में सबसे पीछे है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में दूध उत्पादन का औसत महज तीन लीटर प्रति पशु है। वहीं ये औसत ऑस्ट्रेलिया में 16 और इस्राएल में 36 लीटर प्रति पशु है।
 
 
प्रति पशु दूध उत्पादन में भारत को अगुवा बनाने की दिशा में काम कर रहे मू-फार्म के संस्थापक परम सिंह कहते हैं, "हम दूध उत्पादन में सबसे आगे इसलिए हैं कि हमारे पास 30 करोड़ पशु हैं। पशु और पशु पालकों के उत्थान के लिए यहां काम तो बहुत हो रहे हैं, लेकिन उन कामों का नतीजा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।"
 
 
परम सिंह ने कहा, "मू-फार्म किसानों की आय में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए 2020 तक भारत के दो लाख डेयरी किसानों को प्रशिक्षित करेगी। वह पशु पोषण जैसे क्षेत्रों में किसानों के कौशल को बढ़ाने के लिए मदद करेगी।"
 
 
परम सिंह मू-फार्म के जरिए पंजाब के 10 हजार किसानों से संपर्क स्थापित कर चुके हैं। मू-फार्म की टीम रोजाना किसानों से संपर्क स्थापित करती है और उसका विवरण मू-फार्म ऐप पर अपलोड किया जाता है। इससे किसानों में अपने पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। खुद किसान मान रहे हैं कि मू-फार्म से जुड़कर पशुपालन पर होने वाला उनका खर्च कम हुआ है और दूध उत्पादन बढ़ा है।
 
 
नए प्रयोगों के लिए नौजवानों को टीम में जोड़ने की बात कहते हुए परम सिंह ने कहा, "शुरू में जिन चीजों पर फोकस किया गया है, वे हैं एनीमल ब्रीडिंग, फीडिंग और फार्म मैनेजमेंट। पशु और पशु पालकों की समस्त जानकारी को एक ही मंच पर लाने के लिए मू-फार्म ऐप तैयार किया।"
 
 
परम सिंह ने बताया, "हमारे प्रशिक्षक किसानों के कौशल स्तर को बढ़ाने के लिए जरूरी सुविधाएं दे रहे हैं, जिसे ग्राम स्तर के उद्यमियों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। हम फिलहाल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा पर ध्यान दे रहे हैं।"
 
 
आईएएनएस/संजीव स्नेही
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या अमेरिका के फोन से चुनाव जीतेगी बीजेपी