अमेरिका के इंटेलिजेंस अधिकारियों ने अमेरिकी सांसदों को बंद कमरे में दी गई एक ब्रीफिंग में बताया है कि रूस एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निर्वाचित करवाने के लिए अमेरिका के चुनाव अभियान में छेड़छाड़ कर रहा है।
अमेरिका के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि रूस एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निर्वाचित करवाने के लिए अमेरिका के चुनावी अभियान में छेड़छाड़ कर रहा है। यह बात सांसदों को दी गई ब्रीफिंग की जानकारी रखने वाले 3 अधिकारियों ने बताई।
इस चेतावनी से चुनावी अभियान की विश्वसनीयत पर सवाल उठते हैं। यह सवाल भी उठता है कि 2016 के चुनावों में जो छेड़छाड़ की बात सामने आई थी, उसे दोबारा होने से रोकने के लिए क्या ट्रंप प्रशासन पुख्ता कदम उठा रहा है?
जानकारी देने वाले अधिकारियों ने उनका नाम न लिए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते हुई ब्रीफिंग 2020 के चुनावों को प्रभावित करने की और अमेरिकी मतदाताओं के बीच मतभेद पैदा करने की रूस की कोशिशों पर केंद्रित थी।
इस चेतावनी के बारे में पहले 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' और 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में खबर छपी। प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खबर से ट्रंप क्रोधित हो गए और कहा कि अब डेमोक्रेट सांसद इस जानकारी का इस्तेमाल उनके खिलाफ करेंगे।
अपने पूरे कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने 2016 के चुनावों में रूस के दखल के बारे में इंटेलिजेंस एजेंसियों के इस आकलन को साजिश बताया। ट्रंप का मानना है कि इससे उनकी जीत कमजोर हुई।
13 फरवरी को हाउस इंटेलिजेंस समिति को दी गई ब्रीफिंग के 1 दिन बाद ट्रंप ने राष्ट्रीय इंटेलिजेंस के निदेशक जोसफ मैग्वायर को फटकार लगाई थी। इस हफ्ते उन्होंने घोषणा कर दी कि मैग्वायर की जगह रिचर्ड ग्रेनेल लेंगे। ग्रेनेल को ट्रंप का विश्वासपात्र माना जाता है।
ग्रेनेल जर्मनी में अमेरिका के राजदूत हैं। उनकी पृष्ठभूमि मुख्य रूप से राजनीति और मीडिया में रही है। उनके पास मैग्वायर जैसा राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य सेवा का तजुर्बा नहीं है।
अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसियों का कहना है कि रूस ने 2016 के चुनावों में सोशल मीडिया अभियान और डेमोक्रेटिक ई-मेल खातों से ई-मेल को चुराया। इसके बाद इसे खूब प्रसारित किया गया। उनका कहना है कि रूस ट्रंप के अभियान को बढ़ावा देने और अमेरिका की राजनीतिक प्रक्रिया में उथल-पुथल बढ़ाने की कोशिश कर रहा था।
विशेष काउंसलर रॉबर्ट म्युलर इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि रूस की तरफ से छेड़छाड़ 'व्यापक और सुनियोजित' थी, लेकिन उन्हें रूस और ट्रंप के बीच कोई आपराधिक षड्यंत्र की कड़ी नहीं मिली। वो रिपब्लिकन सांसद जो पिछले हफ्ते डीएनआई के मुख्य चुनाव अधिकारी शेल्बी पियर्सन की ब्रीफिंग में थे, उन्होंने विरोध करने की कोशिश में कहा कि ट्रंप का रूस के प्रति रुख सख्त रहा है।
'द टाइम्स' के अनुसार ट्रंप इस बात पर नाराज थे कि ब्रीफिंग समिति के अध्यक्ष एडम शिफ्फ के समक्ष हुई जिन्होंने उनके खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई का नेतृत्व किया था।