जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि जर्मनी 1 जुलाई को यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालने के बाद एक प्रभावी रिकवरी योजना को सुनिश्चित करेगा। बर्लिन में फ्रांस के राष्ट्रपति से बातचीत के बाद उन्होंने यह बात कही।
मर्केल ने कहा कि जर्मनी यूरोपीय संघ में कोरोना महामारी के बाद रिकवरी की कोशिशों को तेज करेगा। बर्लिन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि हम मिलकर काम कर रहे हैं और यूरोप को इस संकट से लड़ने के लिए फिट बना रहे हैं। मर्केल ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे बीच उन चुनौतियों पर सहमति बनी है जिनसे हमें एक साथ मिलकर पार पाना है।
मर्केल ने माना कि उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं, लेकिन जर्मनी और फ्रांस मिलकर इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद की दुनिया अलग होगी। इसलिए भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें ज्यादा निवेश करना होगा।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बजट संबंधी पाबंदियों और महामारी के बाद के रिकवरी फंड से जुड़े सवालों पर चर्चा जुलाई के आखिर में होने वाली यूरोपीय परिषद के शिखर सम्मेलन में होगी। उन्होंने कहा कि यूरोप हमारा भविष्य है।
ईयू रिकवरी प्लान
जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ के अन्य सदस्य देश 750 अरब यूरो के एक राहत पैकेज के लिए प्रयास कर रहे हैं जिसके तहत महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों को यूरोपीय आयोग के जरिए ऐसी मदद दी जाए जिसे चुकाना जरूरी नहीं होगा। हालांकि 4 देश ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, नीदरलैंड्स और स्वीडन इसका विरोध कर रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते हेग में डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे से मुलाकात की और बताया गया कि रिकवरी योजना को लेकर प्रगति हुई है। वैसे फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक सूत्र ने कहा है कि उनका देश डील होने के प्रति आशावान है, लेकिन उसने यह भी माना कि अभी हम वहां तक नहीं पहुंच पाए हैं।
लोकतंत्रों की रक्षा
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि महामारी का चरम बिंदु आना अभी बाकी है इसलिए आने वालीं चुनौतियों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ के स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।
महामारी के बाद के रिकवरी प्लान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि चांसलर और मैंने इसे कागज पर दर्ज किया है और स्पष्ट रूप से यह हमारी प्राथमिकता है। इसके बिना यूरोप चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएगा। हमें अपने लोकतंत्रों की रक्षा करनी होगी।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस बात का जिक्र भी किया कि जर्मनी ने 2008 में जिस तरह से वित्तीय संकट का सामना किया, फ्रांस उससे बहुत प्रेरित है और इससे महामारी के बाद की स्थिति को संभालने में मदद मिलेगी। रात के खाने पर दोनों यूरोपीय नेताओं के बीच चीन, अमेरिका और तुर्की के साथ-साथ लीबिया में जारी संघर्ष और पश्चिमी अफ्रीका के साहेल इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान पर भी चर्चा होनी थी।