Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जर्मनी और भारत से अब तक कोई महिला अंतरिक्ष में क्यों नहीं पहुंची?

हमें फॉलो करें जर्मनी और भारत से अब तक कोई महिला अंतरिक्ष में क्यों नहीं पहुंची?
, शनिवार, 14 सितम्बर 2019 (18:43 IST)
यूरी गागारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले इंसान थे। जल्द ही महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। अब तक बहुत सारी महिलाएं अंतरिक्ष में जा चुकी हैं, लेकिन वहां उनका मिशन क्या रहा?
 
 
अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला थीं वेलेंटीना तेरेश्कोवा। सोवियत अंतरिक्ष यात्री तेरेश्कोवा 1963 में अंतरिक्ष में गईं। वह भी अकेले। इसके बीस साल बाद स्वेतलाना सावित्सकाया स्पेस स्टेशन में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं और वहीं 1984 में स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला भी थीं। लेकिन इससे अगर यह समझा जाए कि अंतरिक्ष में शोध के मामले में लैंगिक समानता आ गई तो यह सच नहीं होगा। अंतरिक्ष में लैंगिक समानता अब भी दूर की कौड़ी है।
 
 
जब अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सैली राइड को स्पेस शटल चैंलेंजर के साथ उड़ान भरनी थी, तो उनसे पूछा गया कि क्या एक हफ्ते के लिए 100 सैनिटरी पैड उनके लिए काफी होंगे। यानी नासा को इतना भी पता नहीं था कि इतने सारे सैनिटरी पैड तो कोई महिला तीन महीने में भी इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। लेकिन धीरे धीरे महिला अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी जगह मिलने लगी।
 
 
1995 में आईलीन कॉलिन्स स्पेस शटल उड़ाने वाली पहली महिला बनीं। वह अंतरिक्ष यान डिस्कवरी को रूसी अंतरिक्ष स्टेशन मीर तक ले गईं। और 2007 में पेगी विट्सन अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन, आईएसएस की पहली महिला कमांडर बनीं। अंतरिक्ष में 665 दिन बिताने वाली पैगी नासा की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं।

 
शुरुआत भले ही सोवियत संघ ने की हो लेकिन अब तक नौ देशों की कुल 63 महिलाएं अंतरिक्ष में जा चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों की है। अब तक कोई जर्मन महिला अंतरिक्ष में नहीं गई है, लेकिन महिला एस्ट्रोनॉट पहलकदमी के तहत उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश हो रही है। इस कार्यक्रम के तहत चुनी गई दो महिलाओं को इस समय ट्रेनिंग दी जा रही है।
 
 
फिर भी अंतरिक्ष अभियानों में बराबरी के लिए महिला अंतरिक्षयात्रियों को अभी लंबा रास्ता तय करना है। हो सकता है कि मंगल मिशन पर महिलाएं भी अंतरिक्ष में जाएं। नासा के मुखिया जिम ब्राइडेनस्टाइन तो कहते हैं कि मंगल पर पहला कदम रखने वाली शायद कोई महिला अंतरिक्ष यात्री ही हो।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हिंदी सिर्फ वोट मांगने की भाषा ही बनी रहेगी!