Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बिजली बनाने के अलग-अलग तरीके

हमें फॉलो करें बिजली बनाने के अलग-अलग तरीके
, सोमवार, 2 सितम्बर 2019 (11:30 IST)
रोटी, कपड़ा और मकान की तरह ही बिजली भी लोगों की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है। घर रोशन करने से लेकर ट्रेन चलाने तक हर जगह बिजली की जरूरत होती है। एक नजर बिजली उत्पादन के तरीकों पर।

 
कोल पावर प्लांट
कोल पावर प्लांट बिजली उत्पादन का परंपरागत तरीका है। इसमें कोयले की मदद से पानी गर्म किया जाता है। इससे बनी भाप के उच्च दाब से टरबाइन तेजी से घूमता है और बिजली का उत्पादन होता है।
 
 
हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी पावर प्लांट 
हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी पावर प्लांट ऐसी जगहों पर बनाए जाते हैं जहां तेजी से पानी का प्रवाह होता है। सबसे पहले बांध बना कर नदी के पानी को रोका जाता है। यह पानी तेजी से नीचे गिरता है। इसकी मदद से टरबाइन को घुमाया जाता है और बिजली उत्पादन होता है।
 
 
सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा प्लांट की स्थापना उन क्षेत्रों में की जाती है जहां पूरे साल सूरज की रोशनी पहुंचती है। सूर्य की किरणों को बिजली में बदलने के लिए फोटोवोल्टिक सेलों का उपयोग होता है। इससे एक बैटरी जुड़ी होती है जिसमें बिजली जमा होती है। सोलर फोटोवोल्टिक सेल से पैदा होने वाली बिजली दिष्ट धारा (डायरेक्ट करंट) के रूप में होती है। 
webdunia
 
पवन चक्की
पवन चक्की का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां हवा की गति तेज होती है। पवन चक्की लगाने के लिए एक टावर के ऊपर पंखे लगाए जाता है। यह पंखा हवा की वजह से घूमता है। पंखे के साथ शाफ्ट की मदद से एक जेनेरेटर जुड़ा होता है। जेनरेटर के घूमने से बिजली उत्पादन होता है। 
 
 
न्यूक्लियर पावर प्लांट 
इस प्लांट में यूरेनियम-235 को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यूरेनियम के परमाणुओं को विखंडित करने के लिए एटॉमिक रिएक्टर का इस्तेमाल होता है। इससे पैदा होने वाली उष्मा से भाप बनाई जाती है। इसी भाप से टरबाईन को घुमाया जाता है जिससे बिजली का उत्पादन होता है। एक किलो यूरेनियम 235 से उत्पन्न ऊर्जा 2700 क्विंटल कोयले जलाने से पैदा हुई ऊर्जा के बराबर होती है। 
 
 
डीजल पावर प्लांट
डीजल पावर प्लांट की स्थापना उन जगहों पर की जाती है जहां कोयले और पानी की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में नहीं होती है। डीजल मोटर की मदद से जेनरेटर चलाया जाता है जो बिजली का उत्पादन करता है। यह एक तरह का वैकल्पिक साधन है। सिनेमा हॉल, घर, शादी-विवाह या किसी कार्यालय में आपात स्थिति में बिजली की आपूर्ति के लिए इसका इस्तेमाल होता है। 
 
 
नैचुरल गैस पावर प्लांट
नैचुरल गैस पावर प्लांट कोल थर्मल पावर प्लांट की तरह ही होता है। फर्क बस इतना है कि इसमें पानी को गर्म करने के लिए कोयले की जगह नैचुरल गैस का इस्तेमाल होता है। पानी गर्म होने के बाद भाप बनता है। उच्च दाब वाले भाप से टरबाइन घूमता है। और इससे बिजली उत्पादन होता है।
 
 
समुद्री लहर 
समुद्र की लहरों से बिजली पैदा की जाती है। समुद्र किनारे दीवार या चट्टान में जेनरेटर और टरबाइन लगाया जाता है। (एक हौज बनाया जाता है जहां टरबाइन और जेनरेटर लगे होते हैं। लहरें जब हौज के भीतर आती है उसमें मौजूद पानी ऊपर उठता-गिरता है। इससे हौज के ऊपरी हिस्से में बनी जगह पर हवा तेजी से ऊपर-नीचे आती है।) लहरों के आने जाने पर टरबाइन दबाव से घूमता है और जेनरेटर चलने लगता है। बिजली पैदा होती है।
 
 
समुद्री तरंग
इस तरीके में लोहे के बड़े-बड़े पाइपों को स्प्रिंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है। ये समुद्र की सतह पर तैरते रहते हैं। इनका आकार रेलगाड़ी के पांच डिब्बों के बराबर होता है। इनके अंदर मोटर तथा जेनरेटर लगे होते हैं। तरंगों की वजह से पाइप जब ऊपर नीचे होते हैं तो अंदर मौजूद मोटर चलने लगती है। मोटर से जेनेरेटर चलता है और बिजली उतपन्न होती है।
 
 
बायोमास से बिजली निर्माण 
खेती, पशुपालन, उद्योग या वन क्षेत्र के उपयोग में काफी मात्रा में बायोमास सामग्री इकट्ठा होती है। कोल थर्मल पावर प्लांट की तरह ही इसका भी प्लांट होता है। फर्क ये है कि यहां कोयले की जगह बायोमास को जलाया जाता है और पानी को गर्म किया जाता है। पानी गर्म से होने से जो भाप बनती है उससे टरबाइन घूमता है और बिजली उत्पादन होता है। 
 
 
जियो थर्मल पावर प्लांट
जैसे-जैसे पृथ्वी की गहराई में जाते हैं, धरती गर्म होती जाती है। एक स्थान वह भी आता है जहां गर्मी की वजह से सारे पदार्थ पिघल जाते हैं जिसे लावा कहते हैं। धरती के अंदर मौजूद इसी ताप के इस्तेमाल से बिजली बनाई जाती है। इसके लिए जमीन में कुएं खोदे जाते हैं। अंदर के गर्म पानी और उसकी भाप का अलग-अलग तरह से इस्तेमाल कर टरबाइन घुमाया जाता है और बिजली बनाई जाती है।
 
रिपोर्ट रवि रंजन
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सिर्फ अमेजन के जंगल ही नहीं जल रहे हैं!