युद्ध के मैदान से ज्यादा घरों में मारे जा रहे हैं लोग

Webdunia
शुक्रवार, 12 जुलाई 2019 (11:35 IST)
महिलाओं के लिए घर सबसे खतरनाक जगह बन गया है। एशिया और अफ्रीका में सबसे ज्यादा महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा ड्रग्स एंड क्राइम पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में आतंकी हमलों और सशस्त्र संघर्ष से ज्यादा मौतें आपराधिक गतिविधियों की वजह से होती है। व्यापक अध्ययन में पाया गया कि संगठित अपराध दुनिया भर में इंसानों की हत्या की एक बड़ी वजह है।
 
 
2017 में दुनिया भर के करीब 4,64,000 लोगों की हत्या कर दी गई। वहीं, इसी साल सशस्त्र संघर्ष में 89,000 और आतंकी घटनाओं में 19,000 लोग मारे गए। संगठित अपराध दुनिया भर में 19 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार रहा। 2014 और 2016 के बीच हत्याओं में 90 प्रतिशत से अधिक संदिग्ध पुरुष थे। वहीं, 2017 मारे गए लोगों में लड़कों और पुरुषों की संख्या 81 प्रतिशत रही। हत्या की सबसे कम दर यूरोप में है, जहां 1,00,000 लोगों पर पीड़ित की संख्या 3 है। घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं और लड़कियों की संख्या 2017 में बढ़ गई। 

 
महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह घर
हालांकि महिलाएं और लड़कियां वैश्विक हत्याओं का एक छोटा हिस्सा हैं, फिर भी उनके अपने साथी द्वारा हिंसा में मारे जाने की संभावना पुरूषों से बहुत अधिक होती है।
 
 
यूएन रिपोर्ट के अनूसार, घर महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह बना हुआ है, जहां असमानता और लैंगिक रूढ़ियों की वजह से उन्हें काफी ज्यादा उत्पीड़न झेलना पड़ता है। वर्ष 2017 में 87,000 महिलाओं और लड़कियों की हत्या कर दी गई। मारी गई कुल महिलाओं से 58 प्रतिशत की हत्या घरेलू हिंसा की वजह से हुई। 2012 में यह 47 प्रतिशत था। ये हत्या उनके परिवारवालों (पार्टनर, पति या साथी) द्वारा की गई।
 
 
एशिया में वर्ष 2017 में घरेलू हिंसा की वजह से सबसे ज्यादा महिलाओं की हत्या हुई। यह आंकड़ा करीब 20,000 तक पहुंच गया। दूसरे स्थान पर अफ्रीका है़, जहां करीब 19,000 महिलाओं की हत्या कर दी गई। कम जनसंख्या होने के बावजूद यहां घरेलू हिंसा में महिलाओं के प्रभावित होने का सबसे ज्यादा खतरा है।
 
संगठित अपराध
अध्ययन में पाया गया कि वर्ष 2000 के बाद से संगठित अपराध की वजह से उतने लोग मारे गए, जितने पूरी दुनिया में सशस्त्र संघर्ष में मारे गए। संगठित अपराध और गिरोह के बीच की हिंसा मध्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में हत्या की "एक प्रमुख वजह" है।
 
 
विरोधी समूहों के बीच संघर्ष के कारण भी मौतें बढ़ रही हैं। पूरे विश्व में 15 से 29 साल के युवाओं की हत्या होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। रिपोर्ट में पाया गया है कि यह विशेष रूप से अमेरिका में पुरुषों के लिए मामला है, जहां समूहों के बीच हिंसा और फायरिंग मौत की सबसे बड़ी वजह हैं।
 
 
शिक्षा और पुलिस का सहयोग
दुनिया भर में हत्याओं की बढ़ती संख्या से निपटने और इसे कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कई प्रस्तावों की रूपरेखा तैयार की है। इनमें शिक्षा में सुधार करके संगठित अपराध का मुकाबला करना, भरोसा कायम करने के लिए समुदायों के बीच पुलिस के काम को बढ़ावा देना, युवाओं को सूचीबद्ध करते हुए हिंसा रोकने के लिए कार्यक्रम बनाना शामिल है।
 
 
अध्ययन बताता है, दुर्भाग्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में इस समस्या से निजात के लिए वित्तीय संसाधन और राजनीतिक दृष्टिकोण का अभाव है। अध्ययन में नशाखोरी को समाप्त करने का आग्रह करते हुए यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में कानूनी सजा नहीं मिलती है, वे इसे बढ़ाने में और योगदान होता है। हत्याओं की घटना बढ़ती है। न्याय प्रणाली बिगड़ती है।
 
 
रेबेका श्टाउडेनमायर/आरआर
 

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