ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को ब्रिटिश महारानी की नए साल का सम्मानों वाली लिस्ट में 'नाइट कंपेनियन ऑफ द मोस्ट नोबेल ऑर्डर ऑफ द गार्टर' के सम्मान मिला है। यह ब्रिटेन का सबसे पुराना और बड़ा नागरिक सम्मान है।
पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से नाइटहुड छीने जाने की मांग वाली एक ऑनलाइन याचिका को अब तक करीब 6.85 लाख लोगों का समर्थन मिल चुका है। ब्रिटेन की महारानी की नए साल की सम्मान सूची में उन्हें यह उपाधि दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री शायद वह आखिरी इंसान होंगे, जो इस सार्वजनिक सम्मान के लिए उपयुक्त हों। याचिका में इस की वजह उनका इराकी युद्ध में शामिल होना बताया गया है।
एक नया विवाद
एक ओर जहां करीब 7 लाख लोग टोनी ब्लेयर को नाइटहुड न दिए जाने के समर्थन में आ चुके हैं वहीं एक और विवाद ब्रिटिश अखबार 'डेली मेल' के एक दावे से खड़ा हो गया है। अखबार का दावा है कि ब्लेयर के रक्षा सचिव को 'एक गुप्त ज्ञापन जलाने' के लिए कहा गया था जिसमें जानकारी दी गई थी कि '2003 में किया हमला अवैध हो सकता है'।
अखबार की रिपोर्ट साल 1999 से 2005 तक ब्लेयर के रक्षा सचिव रहे जेफ हून के बयानों पर आधारित है। हालांकि टोनी ब्लेयर इस आरोप को पहले ही 'बकवास' बता चुके हैं।
'ठहराया जाना चाहिए युद्ध अपराधों का दोषी'
'चेंज डॉट ओआरजी' नाम की वेबसाइट पर चल रही इस याचिका में कहा गया है, टोनी ब्लेयर ने ब्रिटिश संविधान और देश के सामाजिक ढांचे को ऐसे नुकसान पहुंचाए हैं जिनकी भरपाई नहीं की जा सकती। इसके साथ ही कई लड़ाइयों में अनगिनत मासूम नागरिकों और सैनिकों की मौत के लिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर दोषी बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि सिर्फ इस बात के लिए भी उन्हें युद्ध अपराधों का दोषी ठहराया जाना चाहिए।
साल 2015 में एक अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में टोनी ब्लेयर ने इराक युद्ध से जुड़ी गलती स्वीकार करते हुए कहा था कि आप यह नहीं कह सकते कि हममें से जो लोग 2003 में सद्दाम हुसैन को हटाने के लिए जिम्मेदार हैं, वे 2015 के हालात के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। साल 2015 वाली बात वे इस्लामिक स्टेट के उदय के मामले में कह रहे थे।
टोनी ब्लेयर मांग चुके हैं माफी
ब्लेयर ने यह भी स्वीकार किया कि इराक युद्ध गलत खुफिया जानकारी के चलते हुआ। उन्होंने माना कि खुफिया एजेंसियों का यह दावा कि सद्दाम हुसैन के पास व्यापक जनसंहार के हथियार थे, गलत निकला। इराक युद्ध की कीमत ब्लेयर की लेबर पार्टी को 2010 के चुनावों में चुकानी पड़ी। ब्लेयर ने इराक युद्ध के लिए माफी मांगते हुए कहा कि मैं इस तथ्य के लिए माफी मांगता हूं कि हमें जो खुफिया सूचना मिली, वह गलत थी। सत्ता को उखाड़ने के बाद क्या होगा, खास तौर पर इसकी योजना बनाने में हुई गलतियों के लिए मैं माफी मांगता हूं।
68 साल के टोनी ब्लेयर ने 1997 में न्यू लेबर पार्टी को ब्रिटेन के चुनावों में शानदार जीत दिलाई थी। जिसके बाद उन्होंने 2 चुनावों में फिर जीत हासिल की। इसके एक दशक बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। राजनीति छोड़ने के बाद उन्होंने मध्य-पूर्व में एक दूत के तौर पर काम भी किया। उनका एक एनजीओ टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज भी है।