क्या होगा अगर कंप्यूटर और मशीनों को चलाने वाले दिमाग यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पागल हो जाए? मशीन तो खराब होगी ही, हो सकता है कोई अन्य नुकसान भी हो जिससे इंसानों को खतरा हो।
ऐसे ही सवालों को लेकर अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अब साइकोपैथिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाया है जिसे नॉर्मन कहा है। नॉर्मन शब्द 1960 की चर्चित फिल्म "साइको" के किरदार नॉर्मन से लिया गया जो साइको किलर था।
नॉर्मन उन खतरों को बताएगा कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किन्हीं कारणों से फेल या खराब हो गया तो क्या होगा। मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नलॉजी के शोधकर्ता जानना चाहते हैं कि एल्गोरिदम को समझने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अगर गलत डाटा डाला जाए तो क्या-क्या हो सकता है।
एमआईटी के पिनार यानारडाग, मैनुएल सेब्रेन और इयाद रहवान बताते हैं कि मशीनों को चलाने के पीछे मूल सोच यह है कि जैसा डाटा एल्गोरिदम को समझाने के लिए मशीनों को दिया जाएगा, वैसे ही वो चलेंगी. यानी अगर गलत डाटा डाला जाए तो नतीजे भी गलत होंगे।
व्यक्तित्व और भावनाओं को मापने वाले रोरशाक साइकोलॉजिकल टेस्ट करने के लिए शोधकर्ताओं ने इंक ब्लॉट के जरिए बनाई गई तस्वीरों को नॉर्मन के सामने रखा और जो नतीजे मिले वह उलट थे। जहां सामान्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने तस्वीरों में दो लोगों को करीब खड़ा हुआ बताया वहीं, नॉर्मन ने उसे किसी शख्स के खिड़की का बाहर कूदते हुए बताया। एक अन्य तस्वीर में जहां एक व्यक्ति छाता लिए था वहीं, नॉर्मन ने पाया कि तस्वीर में किसी शख्स ने अपनी पत्नी को गोली मार दी।
norman-ai.mit.edu नामक वेबसाइट में ऐसी ही तमाम उदाहरण दिए हुए हैं जिसमें खराब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होने पर क्या-क्या हो सकता है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।