BRICS Summit : जोहानसबर्ग में 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मलेन आयोजित हो रहा है। इस साल यह 22-24 अगस्त को होगा। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हिस्सा लेंगे। शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज लूला डी सिल्वा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की उम्मीद है।
यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं होंगें। इन आरोपों से मॉस्को इनकार करता है। पुतिन वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लेंगे। जबकि जोहान्सबर्ग में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने बताया, शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, एशिया और कैरेबियन के 67 नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया था। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष और न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष सहित बीस उच्च अधिकारियों को भी निमंत्रण भेजा गया। इसके अलावा बिजनेस नेताओं के भी मौजूद रहने की उम्मीद है।
किन मुद्दों पर होगी बात?
इस सम्म्मेलन में ब्रिक्स के विस्तार को लेकर चर्चा की जा सकती है। इसमें नए सदस्यों को जोड़ने से लेकर प्रवेश मानदंड और मार्गदर्शक सिद्धांत शामिल हैं। इसमें नए सदस्यों को जोड़ने से लेकर प्रवेश मानदंड और मार्गदर्शक सिद्धांत शामिल हैं। हालांकि, नए सदस्यों को शामिल करने के मानदंडों को लेकर मतभेद है। इससे फैसलों को लेने में परेशानी आती है क्योंकि यह सर्वसम्मति से संचालित होता है।
अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध के बीच चीन भू-राजनीतिक ताकत बढ़ाने की कोशिश में है। यूक्रेन युद्ध के चलते अलग-थलग पड़े रूस भी इस सम्मलेन को अलगाव से उबरने के तरीके के रूप में अपना रहा है। विस्तार को लेकर ब्राजील और भारत ने कोई ठोस फैसला नहीं लिया। इस ग्रुप में दक्षिण अफ्रीका आर्थिक ताकत और जनसंख्या के मामले में सबसे छोटा है। ग्रुप के विस्तार के दौरान यह पहला देश बना, जिसने आधिकारिक तौर पर 2011 के BRIC सदस्यों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।
ब्रिक्स का दम
ब्रिक्स समूह में दुनिया की आबादी का 40% से ज्यादा और वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 26% हिस्सा है। यह पश्चिमी शक्तियों से निपटने के लिए एक वैकल्पिक मंच प्रदान करता है। इसके आर्थिक प्रभाव के चलते ज्यादा से ज्यादा देश इसमें शामिल होना चाहते हैं।
शिखर सम्मेलन के मेजबान दक्षिण अफ्रीका के अनुसार, सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, मिस्र और इथियोपिया सहित 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में रुचि व्यक्त की है। एजेंडे में अन्य मुद्दों में वैश्विक भू-राजनीति, व्यापार और बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा शामिल है।