Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आइंस्टाइन के हाथ से लिखा दुर्लभ दस्तावेज होगा नीलाम

हमें फॉलो करें आइंस्टाइन के हाथ से लिखा दुर्लभ दस्तावेज होगा नीलाम

DW

, सोमवार, 22 नवंबर 2021 (13:17 IST)
अल्बर्ट आइंस्टाइन की एक दुर्लभ और बहुत मूल्यवान हस्तलिपि पेरिस में नीलाम होने वाली है। आखिर क्या है भौतिक विज्ञान के कई मूल सिद्धांतों की खोज करने वाले इस महान वैज्ञानिक के दस्तावेज में? इस हस्तलिपि में आइंस्टाइन के सापेक्षता सिद्धांत के पीछे की तैयारी का विवरण है। नीलामी के आयोजकों को उम्मीद है कि इससे दो से तीन मिलियन यूरो के बीच धनराशि मिल सकती है।

नीलामी आगुते कंपनी कर रही है लेकिन उसके लिए इसकी मेजबानी क्रिस्टीज कंपनी कर रही है। क्रिस्टीज ने एक बयान में कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि यह नीलामी के लिए लाई जाने वाली अभी तक की आइंस्टाइन की सबसे कीमती हस्तलिपि है।

बहुमूल्य हस्तलिपि
54 पन्नों के इस दस्तावेज को आइंस्टाइन और उनके सहयोगी मिचेल बेसो ने स्विट्जरलैंड के ज्यूरिक में 1913 से 1914 के बीच अपने हाथों से लिखा था। क्रिस्टीज का कहना है कि बेसो की बदौलत ही हस्तलिपि को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोकर रखा जा सका।

क्रिस्टीज का कहना है कि यह लगभग एक चमत्कार है क्योंकि संभव है कि खुद आइंस्टाइन ने इसे बस एक साधारण सा दस्तावेज समझा होगा और उसे संभालकर रखने की जरूरत नहीं समझी होगी। क्रिस्टीज ने यह भी कहा कि इस हस्तलिपि से बीसवीं शताब्दी के सबसे महान वैज्ञानिक के मानस में झांकने का एक दिलचस्प मौका मिलता है। जर्मनी में पैदा हुए आइंस्टाइन का 76 साल की उम्र में 1955 में निधन हो गया था।

जीनियस यानी आइंस्टाइन
उन्हें इतिहास के सबसे महान भौतिक शास्त्रियों में से एक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सापेक्षता सिद्धांत की खोज कर भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। उन्होंने क्वॉन्टम मेकैनिक्स के सिद्धांत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सापेक्षता और क्वॉन्टम मेकैनिक्स को आधुनिक भौतिक विज्ञान के दो स्तंभों के रूप में माना जाता है। घन और ऊर्जा के रिश्ते को समझाने वाले उनके फॉर्मूले ई=एमसी स्क्वायर को दुनिया का सबसे मशहूर इक्वेशन भी कहा जाता है।

आइंस्टाइन को 1921 में भौतिक विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बाद में उनकी छवि एक जीनियस वैज्ञानिक आइकॉन के रूप में भी प्रचलित हो गई।
- सीके/एए (एएफपी) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत के लिए बेहतर है चीन से नजदीकी और अमेरिका से दूरी