भारत में 5जी स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की नीलामी शुरू हो गई है। रिलायंस जियो और अडाणी डाटा के अलावा एयरटेल और वोडाफोन भी नीलामी में हिस्सा ले रहे हैं। 2023 में देश में 5जी की शुरुआत करने की तैयारी के तहत स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा रही है। भारत की तीनों बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनियां तो हिस्सा ले ही रही हैं, साथ ही अडाणी समूह की मोबाइल नेटवर्क कंपनी भी भाग ले रही है।
नीलामी में भारत की तीनों बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनियां (एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन) तो हिस्सा ले ही रही हैं, साथ ही अडाणी समूह की मोबाइल नेटवर्क कंपनी भी भाग ले रही है। इस दौर में सरकार 72,000 मेगाहर्ट्ज से ज्यादा एयरवेव की नीलामी करेगी। इनका इस्तेमाल जीतने वाली कंपनी 20 सालों तक कर सकेगी। नीलामी के लिए रिजर्व दाम 4.3 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। चारों कंपनियों ने नीलामी के लिए अग्रिम धनराशि टेलीकॉम विभाग के पास जमा करवाई है। रिलायंस ने 14,000 करोड़, एयरटेल ने 5,500 करोड़, वोडाफोन ने 2,200 करोड़ और अडाणी ने 100 करोड़ रुपए जमा करवाए हैं।
क्या अडाणी समूह बनेगा चौथा खिलाड़ी?
अडाणी समूह ने घोषणा की थी कि उसका नीलामी में हिस्सा लेने का उद्देश्य निजी स्तर पर नेटवर्क बनाना और हवाई अड्डों, बंदरगाहों, बिजली उत्पादन इत्यादि जैसे समूह के अन्य उद्योगों के लिए साइबर सिक्योरिटी का इंतजाम करना है।
अडाणी की अग्रिम धनराशि की वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि समूह राष्ट्रीय स्तर पर तो टेलीकॉम सेवाएं शुरू नहीं कर पाएगा, लेकिन सीमित स्तर पर ऐसा जरूर कर सकता है। जानकारों का मानना है कि यह धनराशि इतना स्पेक्ट्रम पाने के लिए पर्याप्त है जिसे दिल्ली, मुंबई आदि जैसे कुछ शहरों में मोबाइल सेवाएं दी जा सकती हैं।
देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत 2023 से होनी है लेकिन कुछ जानकारों को उम्मीद है कि शुरुआत इसी साल के अंत तक भी हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि 5जी मोबाइल नेटवर्क 4जी से 10 गुना ज्यादा तेज होगा। भारत में 5जी की शुरुआत में देर हो चुकी है। अमेरिका में एटीएंडटी, टीमोबाइल और वेरिजॉन जैसी कंपनियां 5जी सेवाएं देना शुरू कर चुकी हैं। चीन में भी चाइना यूनिकॉर्न ने 5जी शुरू कर दिया है।