Ratan Tata helped Cricketers : आज कल क्रिकेटर दुनिया भर की लीगों में भाग लेकर पैसे कमा लेते हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था, एक क्रिकेटर के जीवन में काफी संघर्ष होता था। क्रिकेट के अलावा भी उन्हें नौकरी करनी पड़ती थी, किसी कंपनी से जुड़ना पड़ता था लेकिन ऐसे वक्त में उनके साथ था टाटा ग्रुप। टाटा ग्रुप ने कई क्रिकेटरों के व्यक्तिगत और आर्थिक विकास के लिए बहुत मदद की।
रतन टाटा को खेल के प्रति उनके प्रेम और भारतीय क्रिकेटरों और एथलीटों के समर्थन के लिए भी जाना जाता था। रतन टाटा ने भारतीय क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नौकरी, आर्थिक सहायता और कैरियर की संभावनाओं के माध्यम से उन्होंने कई भारतीय क्रिकेटरों की मदद की। क्लब क्रिकेट को टाटा ग्रुप ने बहुत सपोर्ट किया।
1983 विश्व कप विजेता टीम के मोहिंदर अमरनाथ को टाटा ग्रुप की एयर इंडिया सपोर्ट करती थी। फारुख इंजीनियर को टाटा मोटर्स का समर्थन प्राप्त था, वे रूसी सुरती इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL, या इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड) के लिए खेलते थे।
एयर इंडिया ने संजय मांजरेकर, रॉबिन उथप्पा और वीवीएस लक्ष्मण को भी सपोर्ट किया था। वह एयर इंडिया के लिए खेलते थे, वहीं इंडियन एयरलाइंस (जो टाटा समूह से जुड़ी थी) ने जवागल श्रीनाथ, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और मोहम्मद कैफ को उनके करियर में मदद की है और बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को टाटा स्टील की मदद मिली थी।
शार्दुल ठाकुर (टाटा पावर) और जयंत यादव (एयर इंडिया) को भी टाटा समूह से समर्थन मिला है।
शोक की इस अवधि में, बीसीसीआई ने भी इस महान परोपकारी व्यक्ति के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त कर लिखा "बीसीसीआई अपना गहरा दुख व्यक्त करता है और श्री रतन टाटा जी के निधन पर शोक में राष्ट्र के साथ शामिल होता है। विभिन्न क्षेत्रों में उनके अमूल्य योगदान ने भारत की वृद्धि और सफलता की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी असाधारण विरासत, जुनून, सहानुभूति के सिद्धांतों पर आधारित है। , दूरदर्शी नेतृत्व, नवाचार और उत्कृष्टता, आने वाले वर्षों में भावी पीढ़ियों को प्रेरित और मार्गदर्शन करते रहेंगे," बीसीसीआई ने गहन क्षति के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त की।"
अन्य खेलों में टाटा परिवार का योगदान
टाटा परिवार ने भारतीय अन्य खेलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सर दोराब टाटा ने देश की पहली ओलंपिक टीम को स्पॉंसर किया था। नवल टाटा ने वर्षों तक हॉकी खेल की सेवा की, उनके नाम से कई अकादमी हैं।। टाटा के कई कर्मचारी ओलंपियन हैं कुछ ने देश के सर्वोच्च खेल और कोचिंग पुरस्कार भी जीते हैं।
उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी (Tata Archery Academy) की स्थापना की जिसका उद्घाटन 1996 में हुआ था, अकादमी के तीरंदाजों ने देश को रिप्रेजेंट करते हुए पांच स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य पदक जीते हैं, और राष्ट्रीय आयोजनों में 24 स्वर्ण, नौ रजत और पांच कांस्य पदक जीते हैं।
फुटबॉल
टाटा समूह ने कई भारतीय फुटबॉलरों को तैयार किया है जो सीनियर टीम का हिस्सा हैं। वे जमशेदपुर एफसी (Jamshedpur FC) के मालिक भी हैं।
ऐसे कई खेलों में टाटा परिवार का बड़ा योगदान रहा है जिनका भारतीय खेल जगत हमेशा आभारी रहेगा।