भुवनेश्वर। चार साल पहले 2014 में जर्मनी ने पाकिस्तान को यहां हराकर एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। उसी इतिहास को दोहराने के लक्ष्य के साथ जर्मन टीम विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने रविवार दोपहर भुवनेश्वर पहुंच गई। विश्व कप 28 नवम्बर से शुरू होना है।
जर्मनी के लिए हालांकि गत वर्ष भुवनेश्वर में हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन रहा था जहां उसे कांस्य पदक मुकाबले में भारत से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन टीम इस बार विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के लिए बेताब है।
भुवनेश्वर में आगमन के बाद जर्मनी के कप्तान फ्लोरियन फुक्स ने कहा, यहां वापस आना अच्छा लग रहा है। हम यहां पहले भी खेल चुके हैं और भुवनेश्वर के दर्शक शानदार हैं। ऊर्जा जबरदस्त है। फिलहाल हम उड़ान के बाद थके हुए हैं लेकिन हमें जल्द ही टर्फ पर पहुंचने का इन्तजार है।
फुक्स ने साथ ही कहा कि टूर्नामेंट मुश्किल होगा और इस बात की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि कौन टूर्नामेंट जीतेगा। लेकिन उन्होंने अपनी टीम की क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा कि इसमें खिताब जीतने का दमखम है। जर्मनी पूल डी में पाकिस्तान, मलेशिया और हॉलैंड के साथ है और वह अपने अभियान की शुरुआत एक दिसम्बर को पाकिस्तान के खिलाफ मैच से करेगा।
रविवार को जर्मनी के साथ आयरलैंड की टीम भी भुवनेश्वर पहुंच गई है। आयरलैंड को पूल बी में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और चीन के साथ रखा गया है। आयरलैंड का पहला मैच 30 नवम्बर को ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा। कनाडा की टीम रविवार तड़के भुवनेश्वर पहुंच गई। कनाडा को पूल सी में भारत, बेल्जियम और दक्षिण अफ्रीका के साथ रखा गया है। मलेशिया की टीम रविवार रात पहुंचेगी और शेष 15 टीमों से जुड़ जाएगी।