नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआई ने आगामी विश्व कप में पाकिस्तान को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर कोई नोट तैयार नहीं किया है और अगर ऐसा कदम उठाया भी जाता है तो भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इसे खारिज कर देगा।
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है और इसका असर खेल के मैदान पर भी दिख रहा है।
पहले ही पाकिस्तान के खिलाड़ियों को शनिवार से नई दिल्ली में शुरू हो रहे विश्व कप के लिए वीजा नहीं दिया गया। इसके साथ ही 16 जून को विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले भारत के मुकाबले के बहिष्कार की मांग की जा रही है। इस मुद्दे पर 27 फरवरी से दो मार्च के बीच दुबई में होने वाली आईसीसी की बैठक के इतर चर्चा हो सकती है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, संवैधानिक या अनुबंध के जरिए ऐसा करने का कोई तरीका नहीं (पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करने का)। आईसीसी का संविधान सदस्यों को क्वालीफाई करने की स्थिति में आईसीसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का अधिकार देता है।
इन अटकलों के बीच अध्यक्ष विनोद राय और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुल्जी की मौजूदगी वाली सीओए शुक्रवार को दिल्ली में बैठक कर उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाली कई इकाइयों के मुद्दे पर चर्चा करेगी। इस नियमित बैठक पर हालांकि पाकिस्तान मामले का असर दिखने की उम्मीद है।
इडुल्जी ने कहा, हम सभी संभावित विकल्पों पर कल बात करेंगे और वह करेंगे जो देश के लिए सर्वश्रेष्ठ होगा। बीसीसीआई के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि अगर नोट तैयार भी किया जाता है और आईसीसी इसे वोटिंग के लिए सदस्य बोर्ड के समक्ष रखने को राजी भी हो जाता है तो भी बीसीसीआई को अन्य देशों से समर्थन मिलने की संभावना बेहद कम है।
सूत्र ने कहा, अगर भारत पाकिस्तान को हटाने के लिए आईसीसी को लिखता है तो सबसे पहले हमें अप्रैल में वार्षिक बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखने के लिए सहमति बनानी होगी। फिलहाल आईसीसी बोर्ड में हमारे पास बहुमत नहीं है। अगर इस पर वोटिंग होती है तो हमारा हारना तय है।
उन्होंने कहा, इतना ही नहीं 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2023 में विश्व कप की हमारी मेजबानी की संभावना पर भी गंभीर सवाल खड़े होंगे।