नई दिल्ली। विश्व कप सफलता की पर्याय ऑस्ट्रेलिया ने गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद अपनी क्रिकेट संस्कृति में काफी काफी बदलाव किया है और अब टीम खेल के इस महासमर में 6ठी ट्रॉफी अपने नाम करने के इरादे से उतरेगी।
5 बार की विजेता ने गेंद से छेड़छाड़ के तूफान का डटकर सामना किया और हाल में भारत और पाकिस्तान के खिलाफ उनकी सरजमीं पर मिली जीत उसके कभी न हार मानने के जज्बे का सबूत है। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के 1 साल के प्रतिबंध के बाद वापसी से टीम मजबूत हुई है और इससे टीम के अन्य सदस्यों का भी मनोबल बढ़ा है।
टीम ने ब्रिसबेन में अपना विश्व कप अभ्यास शिविर समाप्त किया। क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल वनडे टीम ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड 5 बार ट्रॉफी अपने नाम की जिसमें 1999 से 2007 तक लगातार 3 जीत शामिल हैं। इसमें कोई शक नहीं कि लगातार 3 जीत अभूतपूर्व उपलब्धि है।
लेकिन टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा ऐसा रहा है कि 1987 चरण में भी टीम खिताब जीती थी, जब उसने अपने कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बाहर होने के बाद प्रवेश किया था। 4 साल पहले दूसरी बार न्यूजीलैंड के साथ मेजबानी के दौरान ऑस्ट्रेलिया को मजबूत दावेदारों में नहीं माना जा रहा था लेकिन मेलबोर्न क्रिकेट मैदान पर टीम फिर चैंपियन बन गई। (भाषा)