Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्यों नीली जर्सी के "द वॉल" नहीं बन पाएंगे पुजारा, जानिए 3 कारण

द्रविड़ की तरह नीली जर्सी में भी टीम इंडिया के भरोसेमंद बनना चाहते हैं पुजारा

हमें फॉलो करें क्यों नीली जर्सी के
, सोमवार, 1 फ़रवरी 2021 (22:24 IST)
कई क्रिकेट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ का क्लोन मानते हैं। दोनों ही एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज हैं। दोनों ही दांए हाथ के बल्लेबाज अपनी तकनीक के लिए जाने जाते हैं। खासकर ऐसी पिच पर जहां घास हो, टीम को इन दोनों से ही उम्मीद रही है। 
 
पुजारा टेस्ट क्रिकेट में तो वह भूमिका निभा चुके हैं जो राहुल द्रविड़ ने घरेलू और विदेशी मैदान पर निभाई थी। अपनी धीमी गति की पारी से वह सिडनी और ब्रिस्बेन में कंगारुओं के पसीने छुड़ा चुके हैं जो अक्सर द्रविड़ की तरफ से देखने को मिलता था।
 
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 6 हजारी बने थे। अब तक खेले कुल 81 मैचों में 47 की औसत से पुजारा 6111 रन बना चुके हैं। वह अगर पूरी तरह द्रविड़ नहीं बने हैं तो कम से कम टेस्ट क्रिकेट में दूसरे द्रविड़ बनने की ओर हैं।
 
लेकिन अगर बात वनडे क्रिकेट की करें तो पुजारा द्रविड़ से कोसों दूर है। पुजारा को सिर्फ 5 मैचों में वनडे खेलने का मौका मिला और इनमें उनका सर्वाधिक स्कोर 27 का रहा। हैरत की बात यह है कि इसमें से ज्यादा मैच वह कमजोर टीमों के खिलाफ खेले फिर भी उनके बल्ले से एक अर्धशतक नहीं निकला। 2014 के बाद से वह नीली जर्सी में नहीं दिखे।
 
वहीं राहुल द्रविड़ की बात करें तो वह वनडे क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं । उन्होंने कुल 12 शतक और 83 अर्धशतक लगाए हैं। इस कारण दोनों में फासला बहुत ज्यादा है।
 
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ने कहा था कि वह नीली जर्सी में भी टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते हैं। लेकिन शायद यह मंजिल वह ना पा सकें। जानिए 3 कारण।
 
 
1 तेज गति से रन बनाने वाले बल्लेबाजों की दरकार
 जिस समय राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी करते थे उस समय टीम को कम से कम एक ऐसे बल्लेबाज की जरुरत रहती थी जो पिच पर टिक सके। आज टी-20 के आगमन से सभी टीमें अंतिम ग्यारह में ज्यादा से ज्यादा पिंच हिटर्स रखना चाहती हैं। इसलिए पुजारा का चयन होना बहुत मुश्किल है।
 
2 राहुल की रन गति पुजारा से ज्यादा
 राहुल द्रविड़ भले ही धीमा खेलते थे लेकिन रन ए बॉल पारी खेल सकते थे। उस पर वह विकेटकीपर भी रहे। राहुल द्रविड़ ने अपने खेल की शैली नहीं बदली लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट से वनडे क्रिकेट में ढल आसानी से गए। वहीं पुजारा यह करने में नाकाम रहे इसलिए वह वनडे क्रिकेट से 7 साल से गायब है।
 
3 चयन के लिए गला काट प्रतियोगिता
 तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाजों की चयनकर्ताओं के सामने लाइन लगी है। इशान किशन, सुर्यकुमारयादव जैसे कई नाम बड़े बड़े खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे हैं। विकेटकीपिंग के लिए भी पंत और राहुल में कई समय पर जंग देखने को मिलती है। ऐसे में पुजारा का वनडे क्रिकेट में चयन दूर की कौड़ी लगती है। (वेबदुनिया डेस्क)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आरसीबी का यह खिलाड़ी जानता है कोहली के हर राज