कभी कभी टीमें एक निश्चित मैदान के लिए अति रक्षात्मक रणनीति बना लेती है। ऐसा ही किया है चेपॉक की पिच के लिए इंग्लैंड ने। इस मैदान पर इंग्लैंड की टीम को न केवल भारत के खिलाफ पहली टेस्ट हार मिली ब्लकि समय समय पर यह पिच उनको डराती रही।
यही कारण है कि भारत दौरे पर पहले टेस्ट में उच्च श्रेणी की क्रिकेट खेलने के बावजूद इंग्लैंड की टीम चेन्नई में कई मौकों पर रक्षात्मक नजर आयी है। पहली पारी में इंग्लैंड के कप्तान की मैराथन 377 गेंदें खेलने के बाद खत्म हुई। 218 के स्कोर पर जो रूट शाबाज नदीम की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। रूट के आउट होने के बाद अचानक से इंग्लैंड ने रन गति कम कर दी और ऑल आउट होने तक बल्लेबाजी की।
पहली और दूसरी पारी में इंग्लैंड के कप्तान चाहते तो पारी घोषित कर के भारतीय सलामी बल्लेबाजों पर दबाव बना सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इंग्लैंड की जगह कोई और टीम होती तो इंतजार का खेल खेलने की बजाए आक्रमक रुख अपनाती। इंग्लैंड की यह रक्षात्मक रणनीति के लिए जिम्मेदार है एम ए चिदंबरम स्टेडियम पर खेले दो मैच। आइए जानते हैं क्या हुआ था इन मैचों में -
16 दिसंबर 2016 भारत बनाम इंग्लैंड पांचवा टेस्ट
टॉस जीतकर पहली पारी में इंग्लैंड ने 477 रन बनाए इसमें ऑलराउंडर मोइन अली के शानदार 146 रन शामिल थे। इस स्कोर के बाद कोई नहीं सोच सकता था कि टीम मैच हारेगी वह भी पारी से लेकिन हुआ कुछ ऐसा ही।
भारत ने करुण नायर (नाबाद 303 रन) के तिहरे शतक और लोकेश राहुल (199) के बड़े शतक के दम पर अपनी पारी सात विकेट पर 759 रन पर घोषित की। भारत ने इस तरह से पहली पारी में 282 रन की बढ़त हासिल की।
टेस्ट के पांचवे दिन इंग्लैंड पहले सत्र पर बिना विकेट खोए 103 रन बना चुका था। लेकिन इसके बाद जडेजा का जादू चला जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए 48 रन देकर सात विकेट लिए। इंग्लैंड की पारी 207 रनों पर सिमट गई और वह महज 104 रनों में ही अपने पूरे 10 विकेट गंवा बैठा। भारत यह मैच पारी और 75 रन से जीत गया।
11 दिसंबर 2008 भारत बनाम इंग्लैंड पहला टेस्ट
कप्तान एंड्रयू स्टॉस के शानदार शतक की बदौलत इंग्लैंड ने 316 रन बनाए। वहीं एंड्रयू फ्लिंटॉफ की तेज गेंदबाजी के कारण भारत मात्र 241 ही बना सका । इस पारी में मात्र एम एस धोनी ने नाबाद 53 रन बनाए। दूसरी पारी में भी एंड्रयू स्टॉस ने शतक जड़ा और 311-9 पर पारी घोषित कर दी।
भारत के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (83) और गौतम गंभीर (66) ने पहले विकेट के लिए 117 रनों की साझेदारी की। हालांकि टीम 224 पर 4 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन वहां से सचिन तेंदुल्कर (103*)और युवराज सिंह (85*) ने टीम इंडिया को 6 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलायी। 387 का पहाड़ जैसा लक्ष्य भारत ने पांचवे दिन पा लिया।
यही कारण है कि अब दूध का दो बार जला इंग्लैंड इस टेस्ट में छाछ फूंक फूंक कर पी रहा है । न ही इंग्लैंड ने पारी घोषित की और न ही भारतीय टीम को फॉलो आन खिलाया ताकि चौथी पारी में 100 रन भी न बनाने पड़ जाए। (वेबदुनिया डेस्क)