पुणे। आज विराट कोहली का जन्मदिन है । उनका नाम भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शुमार होने लगा है। विराट कोहली बल्लेबाज तो अच्छे हैं लेकिन उनकी कप्तानी पर लगातार सवाल उठाए जाते हैं।
कप्तानी पर उनकी आलोचना करने वालों को यह नहीं पता होगा कि कप्तानी के कारण विराट कोहली की बल्लेबाजी कभी भी प्रभावित नहीं हुई जो उनसे पहले हमेशा होता ही रहा। कप्तानी के बोझ तले तो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुल्कर को ही फॉर्म से जूझना पड़ा लेकिन विराट की बल्लेबाजी जस की तस रही।
अक्सर देखा गया कि कप्तान बनते साथ ही किसी भी भारतीय खिलाड़ी का फॉर्म गड़बड़ा जाता था। अजहरूद्दीन की बल्लेबाजी कप्तानी में लचर हो गई थी। इसके बाद सौरव गांगुली की बल्लेबाजी भी कप्तानी के बोझ तले दब गई। राहुल द्रविड़ की तकनीक के कारण उतना नुकसान दिखा नहीं, लेकिन बल्लेबाजी पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ा।
फिर आए धोनी शुरुआत से ही वह फिनिशर के रोल में रहे और अच्छी औसत से रन बनाने लगे लेकिन बाद में उनकी बल्लेबाजी से चमक जाती रही जिसके कारण उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।
इस ही पैमाने पर अगर विराट कोहली को देखें तो कप्तान बनने के बाद उनकी बल्लेबाजी में निखार ही आया है। उनके जन्मदिन पर हम यह अपेक्षा करते हैं कि यह निखार कायम रहे।