Ranji Trophy Final में खूब लड़ा विदर्भ, मुंबई को जीत के लिए 5 विकेट की दरकार
विदर्भ ने 42वां रणजी खिताब जीतने के लिये मुंबई का इंतजार लंबा कराया
MUMvsVDH करूण नायर (74) और कप्तान अक्षय वाडकर (56 नाबाद ) ने जीत के लिये 538 रन के दुरूह लक्ष्य का पीछा करते हुए फाइनल के चौथे दिन पांच विकेट पर 248 रन बनाकर विदर्भ को मैच में बनाये रखा और 42वां रणजी खिताब जीतने के लिये मुंबई को एक दिन और इंतजार करना होगा।पहले ही दिन से दबाव में आई विदर्भ को जीत के लिये असंभव सा लक्ष्य मिला। उसके बल्लेबाजों ने लेकिन चौथे दिन उम्दा खेल दिखाते हुए मेजबान गेंदबाजों को परेशान किया।
इस सत्र की शुरूआत में ही विदर्भ से जुड़े नायर ने 220 गेंदों का सामना करके 287 मिनट बल्लेबाजी की । वह मुशीर खान की गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। मुशीर ने दूसरी पारी में 136 रन बनाने के बाद शानदार गेंदबाजी भी की।कप्तान वाडकर चौथे दिन 56 रन बनाकर और हर्ष दुबे 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वाडकर ने 91 गेंद की पारी में छह चौके लगाये। उन्होंने नायर के साथ पांचवें विकेट के लिये 173 गेंद में 90 रन जोड़े।
विदर्भ को अभी भी 290 रन चाहिये और उसके पांच विकेट बाकी है।मुंबई ने पहले दो सत्र में दो दो और फिर नायर का विकेट आखिरी सत्र में लिया।
वानखेड़े स्टेडियम की सपाट पिच पर मुंबई ने सब कुछ आजमा लिया। मुंबई के तेज गेंदबाजों की तिकड़ी और दोनों स्पिनरों ने बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर करने की पूरी कोशिश की । विदर्भ के बल्लेबाजों की दाद देनी होगी कि इतने कठिन लक्ष्य के जवाब में भी उन्होंने आसानी से घुटने नहीं टेके।
मुशीर ने मुंबई के लिये 17 ओवर में 24 रन देकर दो विकेट लिये और सबसे असरदार रहे । उन्होंने बेहतरीन गेंद पर नायर को आउट किया।तनुष कोटियान ने 55 रन देकर दो विकेट लिये । उन्होंने ध्रुव शोरे (28) और यश राठौड़ ( सात ) को पवेलियन भेजा। (भाषा)