हैदराबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के बाद तेज गेंदबाज उमेश यादव भी 'एसजी टेस्ट गेंद' का विरोध करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की जमात में शामिल हो गए जिन्होंने शुक्रवार को कहा कि इसके पुराने होने पर निचले क्रम को रोकना मुश्किल हो रहा है।
कोहली पहले ही इंग्लैंड में बनने वाली ड्यूक गेंद की पैरवी कर चुके हैं। उमेश ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस काफ्रेंस में कहा कि यदि आप कह रहे हैं कि निचले क्रम ने रन बनाए हैं तो आपको समझना होगा कि इस तरह की सपाट पिचों पर एसजी टेस्ट गेंदों से खेलना मुश्किल है। इससे रफ्तार या उछाल नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि आप एसजी गेंद से एक ही जगह पर गेंद डाल सकते हैं लेकिन पिच से मदद नहीं मिलने पर कुछ नहीं हो सकता। मध्य और निचले क्रम के आने पर गेंद नरम हो जाती है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है, क्योंकि पुछल्ले बल्लेबाजों को पता रहता है कि गेंद न तो स्विंग लेगी और न ही रिवर्स। आपको बस प्रयास करते रहना होता है। बड़े मैदान पर ऐसा नहीं हो सकता।
शार्दुल ठाकुर की ग्रोइन चोट के कारण वे लंबे स्पैल के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि शार्दुल खेलता तो मैं स्पिनरों की और मदद कर सकता। मुझे 3 विकेट मिले और अगर वह भी 2 विकेट ले लेता तो हमारी टीम को मदद मिलती लेकिन आप कुछ नहीं कर सकते। यह खेल का हिस्सा है।